एफएनएन, रायबरेली: जिले के गदागंज थाना क्षेत्र में रहने वाले युवक को रास्ते में रुपयों से भरा बैग मिला तो उसने ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि के साथ जाकर इसे पुलिस को सौंप दिया लेकिन पुलिस ने उसे ही लूटपाट की एक घटना का आरोपी बनाकर गिरफ्तार कर लिया। बाद में जब मामले को लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन शुरू किया तो युवक को रिहा किया गया। जमुनीपुर चरुहार निवासी गौरव उर्फ दीपू को 26 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था।
अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के बाद उसे शनिवार शाम को रिहा कर दिया गया। गौरव को 20 अगस्त को पानी भरकर घर लौटते समय यह बैग मिला था, जिसके बाद उसने तुरंत गांव के प्रधान के प्रतिनिधि के साथ स्थानीय थाने में इसकी सूचना दी थी। हालांकि, पुलिस ने उसपर लूट का आरोप लगाया, जिसके कारण 26 अगस्त को उसकी गिरफ्तारी हुई।
ग्रामीणों और स्थानीय व्यापारियों ने उसकी रिहाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। उनका तर्क था कि वह निर्दोष है। लोगों के आक्रोश के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और आखिरकार पाया कि वह लूट में शामिल नहीं था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि सबूतों के अभाव में पुलिस ने गौरव को रिहा करने की पहल की।
गौरतलब है कि 20 अगस्त को गदागंज थाना क्षेत्र में जनसुविधा केंद्र चलाने वाले एक व्यक्ति से बैग लूट हुई थी, मामले में पुलिस पर कार्रवाई का दबाव बना तो पुलिस ने 26 अगस्त को कुल 7 लाख रुपये नकद व कुछ कागजाद बरामद दिखाकर दीपू को जेल भेज दिया था, थाना गदागंज एसओ राकेश चंद की लापरवाही के कारण एक युवक का भविष्य खतरे में आ गया नाराज स्थानीय लोगों ने थाने का घेराव किया तो युवक को रिहा कर दिया।