एफएनएन, हल्द्वानी: मेडिकल कॉलेज में लापरवाही से पोस्टमार्टम हाउस के डीप फ्रीजर में रखे शवों से दुर्गंध आने लगी है. मामला तब खुला जब शिनाख्त के लिए पहुंचे मृतकों के परिजनों को जब दुर्गंध आई और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया था. बमुश्किल उन्हें समझा-बुझाकर शांत किया गया. जिसके बाद मामला मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी तक पहुंचा. वहीं सुशीला तिवारी हॉस्पिटल के वित्त नियंत्रक सूर्य प्रताप सिंह ने कहा कि जांच के बाद जो व्यक्ति दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
वहीं जिन शवों की शिनाख्त नहीं हो पाती उन्हें सुरक्षित रखने के लिए पोस्टमार्टम हाउस के डीप फ्रीजर में रखा जाता है. 72 घंटे बाद भी यदि शिनाख्त नहीं होती तो शव का पोस्टमार्टम कराया जाता है. इधर, बरसात के सीजन में लगातार कई घंटे बिजली गुल रहती है. बावजूद इसके पोस्टमार्टम हाउस के जनरेटर का उपयोग नहीं किया जा रहा, जिससे डीप फ्रीजर में रखे शवों से दुर्गंध आने लगी. शव की शिनाख्त के लिए पहुंचे तो शवों से उठ रही तेज दुर्गंध से परेशान हो गए. जिसके बाद उन्होंने पोस्टमार्टम हाउस में हंगामा शुरू कर दिया. वहां चिकित्सकों व स्टाफ के लोगों ने बमुश्किल उन्हें समझा बुझाकर शांत कराया.
वहीं मामले में फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के ऑफिस इंचार्ज प्रताप सिंह बोरा ने जनरेटर चलाने वाले कर्मचारी को फोन किया.बोरा ने बताया कि कर्मचारी ने पहले तो डीजल नहीं होने का बहाना बनाया, फिर वह अभ्रदता में उतर आया. इसके बाद प्राचार्य से शिकायत की गई, तब जाकर जनरेटर चलाया गया. इधर अब इस मामले को लेकर प्रशासन द्वारा पड़ताल की गई तो कड़ी-फटकार लगाई गई है और नियमित रूप से जनरेटर चलाने को कहा गया है. सुशीला तिवारी हॉस्पिटल के वित्त नियंत्रक सूर्य प्रताप सिंह ने बताया कि मामला गंभीर है और जो भी व्यक्ति इसमें दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.