एफएनएन, देहरादून : उत्तराखंड हाईकोर्ट को गढ़वाल मंडल ले जाने की कवायद का कर्मचारी संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि गढ़वाल मंडल में सभी बड़े कार्यालय और उनके मुख्यालय हैं। कुमाऊं में स्थित कई निदेशालय का संचालन भी देहरादून से हो रहा है। एकमात्र हाईकोर्ट को भी गढ़वाल मंडल ले जाने पर कुमाऊं की आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी और यहां से पलायन भी बढ़ेगा। हाईकोर्ट शिफ्टिंग को लेकर विभिन्न संगठनों के प्रदेश पदाधिकारियों का कहना है कि राज्य को दो भागों में नहीं बांटना चाहिए।
- क्या बोले कर्मचारी –
हाईकोर्ट कुमाऊं की शान है। हाईकोर्ट शिफ्ट करना कुमाऊं के लोगों को धोखा देना है। राज्य सरकार अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में काठगोदाम से नैनीताल रोपवे के लिए बजट भी आवंटन कर चुकी है। नैनीताल अगर ट्रैफिक की समस्या से जूझ रहा है तो काठगोदाम में रोपवे के नजदीक पार्किंग बनाकर नैनीताल में वाहन जाने की समस्या से छुटकारा मिलेगा और हाईकोर्ट नैनीताल में रह सकता है।
उत्तराखंड राज्य का उदय अलग पर्वतीय राज्य की परिकल्पना के साथ हुआ था। नैनीताल हाईकोर्ट को रानीबाग में बंद पड़ी एचएमटी फैक्ट्री में स्थानांतरित किया जाना जनहित एवं राज्य हित में रहेगा। हाईकोर्ट गढ़वाल नहीं जाना चाहिए। इससे कुमाऊं की आर्थिक स्थिति भी खराब होगी। वास्तव मैं यदि देखा जाए तो कुमाऊं मंडल को हाईकोर्ट ही मिला है। नैनीताल से यदि हाईकोर्ट शिफ्ट करना ही है तो गौलापार बेहतर विकल्प है। इसे गढ़वाल ले जाना उचित नहीं है। हाईकोर्ट नैनीताल में कहीं भी शिफ्ट हो, यह मंजूर है। हाईकोर्ट को यहां से बाहर ले जाना गलत है।
हाईकोर्ट नैनीताल जिले में ही ऐसी जगह पर शिफ्ट होना चाहिए जहां पर पर्याप्त भूमि उपलब्ध हो और आम जनमानस को किसी भी प्रकार की कठिनाईयों का सामना न करना पड़े। यह नैनीताल जिले की धरोहर है।
-नंदराम, जिलाध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ
हाईकोर्ट ऐसी जगह पर शिफ्ट होना चाहिए जहां पर पर्याप्त जन सुविधाएं हों। पार्किंग की व्यवस्था हो। मेरे अनुसार बंद पडे़ एचएमटी कारखाना परिसर में हाईकोर्ट शिफ्ट किया जाना व्यापक जनहित में होगा।






