

एफएनएन, नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम के वर्ष 2023-24 के संशोधित बजट अनुमान और वर्ष 2024-25 के बजट अनुमानों पर चर्चा के लिए बुलाई गई निगम सदन की बैठक हंगामे के भेंट चढ़ गई।
भाजपा पार्षद कटमोशन के तहत लाए गए प्रस्तावों में महापौर का विवेकाधिकार फंड 10 करोड़ से बढ़ाकर 1500 करोड़ किए जाने का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह नियमों के खिलाफ है। जबकि आप पहले ही कह चुकी है कि हम चुनी हुई सरकार को अधिकार देना चाहते हैं।
बुधवार को दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक दोपहर ढाई बजे करीब शुरू हुई। जैसे ही बैठक शुरू हुई तो कटमोशन के तहत आप द्वारा लगाए गए प्रस्तावों का विरोध करते महापौर के आसन के सामने आ गए। इसके चलते महापौर ने दो बार आधे घंटे के लिए निगम सदन की बैठक को स्थगित किया।
नेता सदन मुकेश गोयल देंगे बजट को अंतिम रूप
जब तीसरी बार निगम सदन की बैठक शुरू हुई तो पुन: हंगामा होते देख महापौर ने इसे स्थगित कर दिया। निगम के बजट शैड्यूल के अनुसार नेता सदन मुकेश गोयल बजट को अंतिम रूप देंगे। इस बीच संभावना है कि भाजपा हंगामा करें। साथ ही हंगामे के बीच बजट पास हो।
यह पहली बार निगम में होगा कि बजट पेश करने के दौरान ही हंगामा हो। उल्लेखनीय है कि दिल्ली नगर निगम का बजट नौ दिसंबर 2023 को निगमायुक्त ज्ञानेश भारती ने पेश किया था। भारती ने 15686 करोड़ रुपये की आय का अनुमान जताया था जबकि 16683 करोड़ रुपये का व्यय का प्रविधान किया था।
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वैसे तो बजट को पेश करने का नियम है कि यह स्थायी समिति में निगमायुक्त द्वारा पेश किया जाता है लेकिन, स्थायी समिति का गठन न होने की वजह से इसे सदन में पेश किया गया। बजट में वार्ड कमेटियों और अन्य तदर्थ व विशेष समितियों के सुझाव भी समाहित उन कमेटियों के गठन न होने की वजह से नहीं हो पाए। नियमानुसार 15 फरवरी से पहले निगम को टैक्स की दरों को अधिसूचित करना होता है। जबकि 31 मार्च तक बजट पास करना होता है।