Saturday, November 15, 2025
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उत्तराखंड के निसंतान दंपतियों के लिए वरदान साबित हो रही एआरटी सुविधा…प्रदेश में 1938 दंपतियों ने उठाया लाभ

एफएनएन, देहरादून:  प्रदेश में एआरटी अधिनियम-2021 और सरोगेसी एक्ट-2021 के बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। दोनों एक्टों के लागू होने के बाद राज्य में 1938 दंपतियों ने सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) के विकल्प का लाभ उठाया है। राज्य में संतान सुख पाने में असमर्थ विवाहित दंपति व महिलाओं की कुछ श्रेणियों (एकल और अविवाहित) के लिए एआरटी वरदान साबित हो रहा है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरोगेसी एक्ट व एआरटी एक्ट-2021 लागू होने से स्वास्थ्य विभाग से लाभार्थियों की रिपोर्ट मांगी गई थी। इस पर विभाग ने दो वर्षों के आंकड़े केंद्र सरकार को भेज दिए हैं। प्रदेश में निसंतान दंपतियों के चेहरों पर मुस्कान लौट रही है। वर्ष 2021 में देश के साथ प्रदेश में एआरटी और सरोगेसी एक्ट लागू हुआ। जिसके तहत प्रदेश में पंजीकृत 22 एआरटी क्लीनिकों के माध्यम से सूबे के 1938 दंपतियों ने सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) के विकल्प का लाभ सफलतापूर्वक उठाया है।

726 दंपतियों ने इंदिरा आईवीएफ में एआरटी का लाभ लिया

इसमें सर्वाधिक 726 दंपतियों ने इंदिरा आईवीएफ में एआरटी का लाभ लिया। इसके अलावा नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी में 168, केयर आईवीएफ यूनिट में 165, फुटेला फर्टिलिटी सेंटर 137, उत्तरांचल टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर 103, जेनेसिस आईवीएफ 83, मॉर्फिअस प्रसाद इंटरनेशनल आईवीएफ सेंटर 68, सुभारती हॉस्पिटल एंड आईवीएफ सेंटर 66, वृंदा फेमिकेयर फर्टिलिटी एलएलपी 57, वैश्य नर्सिंग होम एआरटी क्लीनिक में 54, श्री महंत इंद्रेश हॉस्पिटल आईवीएफ सेंटर 53, निदान फर्टिलिटी क्लीनिक 45, ऑली हास्पिटल फर्टिलिटी रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक सेंटर 42, आशीर्वाद हेल्थकेयर एवं फर्टिलिटी सेंटर 41, आईवीएफ सेंटर एम्स ऋषिकेश 28, लूथरा नर्सिंग होम 24, रेवती नर्सिंग होम 22, काला फर्टिलिटी में तीन और मदर केयर सेंटर में दो दंपतियों ने एआरटी का लाभ लिया।

केंद्र सरकार ने हाल ही में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से उन दंपतियों और एकल अविवाहित महिलाओं का आंकड़ा मांगा है। जिससे सरकार कानून के कामकाज का आंकलन कर सके। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में एआरटी का लाभ उठाने वाले सभी 1938 दंपतियों की जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दी है।

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राज्य में सरोगेसी एक्ट व एआरटी एक्ट के ठोस क्रियान्वयन का नतीजा है कि प्रदेश में पंजीकृत क्लीनिकों के माध्यम से अब तक 1938 दंपतियों ने एआरटी का सफलतापूर्वक लाभ उठाया है। इन एक्ट के तहत केवल संतान सुख पाने में असमर्थ विवाहित दंपती और महिलाओं की कुछ श्रेणियों (एकल और अविवाहित) को ही एआरटी और सरोगेसी का लाभ उठाने की अनुमति है। -डाॅ. धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री

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