एफएनएन, रामपुर : भड़काऊ भाषण मामले में सजा के विरुद्ध सपा नेता आजम खां की अपील न्यायालय ने खारिज कर दी है। आजम खां को भड़काऊ भाषण के एक मामले में छह माह पहले सजा सुनाई गई थी। उन्हें जिस मामले में सजा हुई थी, वह वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव का था। तब आजम खां लोकसभा चुनाव लड़े थे और जीते भी थे।
चुनाव प्रचार के दौरान उनके विरुद्ध भड़काऊ भाषण के आरोप में कई मामले जिले के विभिन्न थानों में दर्ज हुए थे। इनमें एक मामला शहजादनगर थाने में हुआ था। उन्होंने धमोरा में आठ अप्रैल 2019 को जनसभा की थी, जिसमें तत्कालीन जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह (वर्तमान में मंडलायुक्त मुरादाबाद) और मुख्यमंत्री के बारे में अमर्यादित टिप्पणी की थी।
कोर्ट ने आजम खां को सुनाई थी दो साल की सजा
पुलिस ने जांच पूरी कर आजम खां के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के बाद एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने 15 जुलाई 2023 को आजम खां को दोषी मानते हुए दो साल कारावास और ढाई हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।
आजम खां ने एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में अपील दाखिल की, जिस पर अभियोजन की ओर से आपत्ति दाखिल की गई थी। आपत्ति पर सुनवाई हुई।
आजम खां की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता जुबैर अहमद ने बहस की, जबकि सरकार की ओर से अपर महा अधिवक्ता अनिल प्रताप सिंह ने बहस की थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने पत्रावली फैसले के लिए सुरक्षित रख ली थी। मंगलवार को न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए आजम खां की अपील को खारिज कर दिया है।
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