एफएनएन, नई दिल्ली : राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर राजनीति चरम पर है। पहले इस कार्यक्रम के निमंत्रण को लेकर कांग्रेस ने हंगामा मचा रखा था, अब इसमें शामिल होने को लेकर खुद ही कांग्रेस पार्टी फैसला नहीं ले पा रही है।
खरगे और सोनिया के शामिल होने पर अभी फैसला नहीं
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने को लेकर अभी तक फैसला नहीं ले पाए हैं। दोनों को निमंत्रण मिला है, लेकिन अभी तक इसमें कोई फैसला नहीं हुआ है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि निर्णय उचित समय पर लिया जाएगा और सूचित किया जाएगा।
सैम पित्रोदा की टिप्पणी से दूरी बनाई
राम मंदिर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा की टिप्पणी पर हुए हालिया विवाद पर बोलते हुए जयराम ने उनके बयान से दूरी बनाते हुए कहा कि उनका बयान कांग्रेस पार्टी का आधिकारिक बयान नहीं है।
इस हफ्ते की शुरुआत में, पित्रोदा ने एएनआई से बात करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा था कि क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या बेरोजगारी है। हालांकि, कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से खुद को अलग कर लिया है।
पित्रोदा ने क्या कहा
अयोध्या के राम मंदिर में आगामी प्रतिष्ठा समारोह पर बोलते हुए पित्रोदा ने कहा था कि मुझे किसी भी धर्म से कोई समस्या नहीं है। कभी-कभार मंदिर के दर्शन के लिए जाना ठीक है, लेकिन आप इसे मुख्य मंच नहीं बना सकते।
उन्होंने कहा,
मोदी हर किसी के प्रधानमंत्री हैं, न कि किसी पार्टी के प्रधानमंत्री और यही संदेश भारत के लोग उनसे चाहते हैं। रोजगार के बारे में बात करें, मुद्रास्फीति के बारे में बात करें, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और चुनौतियों के बारे में बात करें। लोगों को तय करना होगा कि क्या असली मुद्दे है- क्या राम मंदिर असली मुद्दा है? या बेरोजगारी एक असली मुद्दा है। क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या महंगाई असली मुद्दा है?
पित्रोदा के इस बयान की भाजपा ने आलोचना की और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सुशील मोदी और कैलाश विजयवर्गीय समेत अन्य नेताओं ने कांग्रेस पर निशाना साधा।