कहते हैं के हुस्न के
चर्चे हैं उसके पूरे शहर भर
कहते हैं के चाँद भी
शर्माता है उसको देख कर
कहते हैं के दिल पिघल जाता
है जो वो देख ले इक नज़र
और ये भी कहते हैं के जब वो मुस्कुरा दे
तो फूल बिखरते हैं उसके लब पर
ये बातें हैं या हक़ीक़त
सोचता हूँ क्यों ना
मैं भी देख लूँ इक नज़र
आप क्या कहते हैं …!!
है कुछ आपको ख़बर…
कहते हैं के उसकी आँखों में
नशा है मयखाने का
कहते हैं के उसकी बातों में
असर है गम भुलाने का
कहते हैं के उसे इल्म है
रिश्ता-ए-मोहब्बत निभाने का
और ये भी कहते हैं के बहुत मुश्किल है उसे चाह कर भूल जाने का
पता नहीं वास्तव है या भ्रम ज़माने का
देखता हूँ उसकी गली से गुज़र कर
आप क्या कहते हैं …!!
है कुछ आपको ख़बर…
कहते हैं के जिस राह से वो गुज़रे
फूल खिल जाते हैं उस डगर
कहते हैं के सबकी धड़कनों पर
उसकी साँसो का है असर
कहते हैं के ज़ुल्फ़ें जब उसकी बिखरें
तो बिजली कड़क उठती है बादल पर
और ये भी कहते हैं के उसके आगे
हर जादू हर टोना है बे-असर
ये सच है या झूठ सरासर
सोचता हूँ इश्क़ फ़र्मा लूँ
उससे मैं पल भर
आप क्या कहते हैं …!!
है कुछ आपको ख़बर…
-विनोद पहिलाजानी