एफएनएन, दिल्ली : विपक्षी नेताओं की तरफ से मंगलवार सुबह दावा किया गया कि उनके फोन में सरकार-प्रायोजित हैकिंग से जुड़े चेतावनी संदेश आए। इस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कई लोगों को ऐसे संदेश आए हैं। इनमें केसी वेणुगोपा, सुप्रिया श्रीनेत, पवन खेड़ा शामिल हैं। भाजपा इस वक्त युवाओं का ध्यान भटकाने की कोशिश में है। राहुल ने कहा पहले मैं सोचता था कि सरकार में नंबर-1 प्रधानमंत्री हैं, दूसरे पर अदाणी और तीसरे पर अमित शाह हैं, लेकिन ये गलत है। सरकार में नंबर-1 अदाणी हैं, पीएम मोदी दूसरे नंबर पर हैं और अमित शाह तीसरे पर।
राहुल ने कहा, “हिंदुस्तान की राजनीति हमें समझ आ गई है। अदाणी जी बचकर नहीं निकल सकते। हमने अदाणी को ऐसा घेरा है कि वह बचकर नहीं निकल सकते। इसलिए ध्यान बंटाने की राजनीति हो रही है। कि देश की निगाह, विपक्ष की निगाह पिंजरे में बैठे हुए तोते की ओर न चली जाए।”
राहुल गांधी ने आगे कहा, “जितनी टैपिंग करनी हो कर लो। मुझे फर्क नहीं पड़ता। अगर आपको मेरा फोन चाहिए तो मैं अपना फोन दे देता हूं आपको। कम लोग लड़ रहे हैं इसके खिलाफ। लेकिन हम डरने वाले लोग नहीं हैं, लड़ने वाले लोग हैं। हम पीछे नहीं हटेंगे।”
“सरकार कहे कि ये अलर्ट गलत है… ये क्या हो रहा है? आक्रामक राजनीति के तहत डिजिटल दुनिया बना रहे हैं? आप देखना चाहते हैं कि कौन किससे बात कर रहा है, क्या बात कर रहा है? सरकार की ओर से सफाई आनी चाहिए, इसके लिए एक मंत्रालय भी है वे क्या कर रही है?”
- भारत सरकार पर लग चुके हैं इस्राइली सॉफ्टवेयर खरीदने के आरोप
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, 2017 में भारत और इस्राइल के बीच जो रक्षा सौदा हुआ था, उसमें पेगासस स्पाईवेयर और एक मिसाइल प्रणाली की खरीद मुख्य रूप से शामिल थी। इजराइल से मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए कई गई 2 अरब डॉलर की भारी भरकम डील के दौरान उससे पेगासस स्पाइवेयर भी खरीदा था।
वहीं पेगासस सॉफ्टवेयर से जुड़े मामले की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के तहत एक कमेटी कर रही है और इसकी रिपोर्ट का इंतजार है। अदालत ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश रवींद्रन की देखरेख में एक समिति का गठन किया है।