Friday, November 28, 2025
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बच्ची के मौत की कीमत दो लाख, नहीं पिघला जीडी गोयंका स्कूल का प्रबंधन, मौके पर नहीं पहुंचे स्कूल के आलाधिकारी

  • बूढे ड्राइवर के सहारे जीडी गोयनका स्कूल के बच्चों की सुरक्षा
  • बच्ची की मौत के बाद भी नहीं पहुंचे स्कूल प्रबंधन के लोग, नहीं की कोई सहायता

एफएनएन, रुद्रपुर : प्रीत विहार फेस 5 में जीडी गोयंका पब्लिक स्कूल की बस से एक मासूम की मौत के बाद लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया। बड़ी बात यह थी कि बस को एक बूढ़ा व्यक्ति चला रहा था। इससे आक्रोशित लोगों ने बारादरी रोड पर जाम लगाकर गुस्सा निकाला। पुलिस से उनकी तनातनी भी हुई। बाद में विधायक की मौजूदगी में ट्रांसपोर्टर द्वारा ₹2 लाख दिए जाने के भरोसे पर लोगों ने जाम खोला। हालांकि क्षेत्र के लोग इस समझौते और स्कूल प्रबंधन की हिटलरशाही से कुपित दिखे।

घटना सुबह करीब 7:30 बजे की है। प्रीत विहार फेस 5 में रहने वाले संजीव शर्मा की 7 साल की बेटी नेहा सिडकुल में काम पर जा रही अपनी मां की पीछे टॉफी लेने आ गई। इसी बीच सड़क खराब होने के कारण वह वहां से गुजर रही जीडी गोयनका स्कूल की बस के अगले टायर के नीचे आ गई। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। ड्राइवर को लोगों ने पकड़ लिया। पुलिस को सूचना मिलने पर आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने लोगों को समझाया बुझाया लेकिन उन्होंने ट्रैक्टर ट्राली लगाकर बारादरी रोड को पूरी तरह से जाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे लगाए। पता लगने पर विधायक शिव अरोरा और पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल के साथ ही पूर्व पालिका अध्यक्ष मीना शर्मा और अनिल शर्मा मौके पर पहुंच गए।

नेताओं ने भी आक्रोशित परिवार वालों से बातचीत की लेकिन परिवार वाले शव हटाने को तैयार नहीं हुए। करीब 3 घंटे तक जमकर प्रदर्शन चलता रहा। इस बीच बारादरी रोड की खस्ताहाल हालत को लेकर भी लोगों ने गुस्सा जताया और कहा कि अगर यह सड़क दुरुस्त होती तो आज इस घटना से बचा जा सकता था। सड़क पर पानी भरा होने के कारण बच्ची हट नहीं सकी और बस की चपेट में आ गई।


इस घटना से आक्रोशित लोगों ने जीडी गोयंका स्कूल के प्रबंधन को मौके पर बुलाने की मांग की लेकिन कई घंटों बाद भी स्कूल प्रबंधन मौके पर नहीं पहुंचा और न ही मृत बालिका के परिवार वालों को कोई मदद दी। विधायक शिव अरोरा की मौजूदगी में फैसला हुआ कि ट्रांसपोर्टर द्वारा मृत बच्ची के परिवार वालों को दो लाख रुपये दिए जाने के साथ ही मुकदमा दर्ज होने के बाद आने वाला क्लेम का पैसा भी परिवार वालों को मिलेगा। इसके साथ ही विधायक ने मुख्यमंत्री राहत कोष से भी मदद दिलाने का परिवार को वायदा किया।

वहीं पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने कहा कि वह इस समझौते से संतुष्ट नहीं है। उनका कहना था कि बच्ची का परिवार बेहद गरीब है। उसका पिता विकलांग है उसके बावजूद ₹200000 में इस परिवार को शांत करा दिया गया।
खराब सड़क के मामले में विधायक अरोरा ने कहा कि इस सड़क का प्रस्ताव राज योजना से भेजा जा चुका है, जिसका निर्माण जल्द से जल्द शुरू करा दिया जाएगा। विधायक और पुलिस के आश्वासन पर परिजन जाम खोलने को तैयार हुए। इसके बाद बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया।

पूरी घटना में जीडी गोयंका स्कूल का प्रबंधन हिटलरशाह बना रहा। न तो मौके पर स्कूल प्रबंधन के लोग ही आए और न ही उन्होंने मृत बच्ची के परिवार वालों को कोई मदद की। इससे स्कूल को लेकर क्षेत्र के लोगों में खासा गुस्सा है।

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