एफएनएन, रुद्रपुर: रुद्रपुर में चार बच्चों की सूचना छिपाने पर बीडीसी सदस्य आभा सिंह को लंबी जद्दोजहद के बाद हटा भले ही दिया गया हो लेकिन उन पर विधिक कार्रवाई का मामला आज भी लंबित है। अधिकारी इस पूरे मामले पर पर्दा डालने में लगे हुए हैं और सीडीओ के आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है। मामला वर्ष 2019 का है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम भमरौला से आभा सिंह ने क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा। वो चुनाव जीत भी गईं, लेकिन बात तब बिगड़ गई, जब भमरौला गांव के लोग क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ी आभा सिंह की ओर से निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किए गए शपथपत्र की जांच की मांग करने लगे।
इसे लेकर पंचस्थानी चुनावालय के सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी ने रुद्रपुर तहसीलदार व खंड विकास अधिकारी को संयुक्त रूप से जांच सौंपी थी। जिला पंचायत राज अधिकारी रमेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि क्षेत्र पंचायत सदस्य के नामांकन पत्र में दो से अधिक जीवित संतान हैं के जवाब में नहीं का उल्लेख किया गया था।
आभा सिंह ने बताया था कि उनके दो बच्चे हैं। अब तहसीलदार की जांच में पता चला है कि आभा सिंह की दो नहीं बल्कि चार संतानें हैं। ग्राम पंचायत भमरौला के परिवार रजिस्टर की नकल में भी उनकी चार संतानें होनी पाईं गईं। इस तरह आभा सिंह ने चार बच्चे होने की बात छिपाकर उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम-2016 का उल्लंघन किया। मामले को लेकर जब आभा सिंह को नोटिस दिया गया, तो उनकी ओर से संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया।
त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन में पंचायतीराज अधिनियम का दोषी पाए जाने पर क्षेत्र पंचायत सदस्य आभा सिंह को पद से हटा दिया गया। लेकिन झूठा शपथ पत्र दाखिल करने के मामले में उन पर विधिक कार्रवाई आज भी लंबित है। सीडीओ के आदेश के बाद भी अभी तक उनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत नहीं किया गया है। इस संबंध में जब हमारी जिला पंचायत राज अधिकारी रमेश चंद त्रिपाठी से बात हुई तो उनका कहना था कि इस मामले में विधिक प्रक्रिया को अमल में लाया जाएगा, हालांकि काफी समय बाद भी इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।