एफएनएन, नई दिल्ली : इस समय बाजार में कई कंपनियों के सेनेटाइजर मौजूद हैं और लोगों को समझ नहीं आ रहा कि वह किस सैनेटाइजर का इस्तेमाल करें। कई लोग बीमारी की आड़ में नकली सैनेटाइजर बनाने का भी काम धड़ल्ले से कर रहे हैं। सरकार ने निर्देश दिया है कि कोरोना से बचाने के लिए 70 से 80 फीसदी एल्कोहल वाला सैनिटाइजर का ही उपयोग करना है। आइए आपको बताते हैं कैसे करें असली-नकली सैनेटाइजर की पहचान।
इस तरह करें पहचान
- सेनिटाइजर को एक कटोरी में एक चम्मच आटा डालकर उसे गूथने की कोशिश करिए अगर आटा गुथ जाए तो समझ लीजिए की सेनिटाइजर असली नहीं है। क्योंकि असली सैनिटाइजर आटे को गूथने नहीं देगा। सेनिटाइजर मिलाने पर आटा बिखरा हुआ रहेगा। जबकि नकली होगा तो वह गुथ जाएगा।
- ज्यादातर सभी के घर में टॉयलेट या टिश्यू पेपर होता है। हाथ, बर्तन या सफाई के लिए उपयोग में आता है। आप एक टिश्यू पेपर लेकर उसके बीच में पेन से एक छोटा सा गोला बनाइए। उसके बाद उसके ऊपर एक बूंद सैनिटाइजर डाल दीजिए। अगर स्याही से बना गोला फैल जाता है तो जान जाइए कि आपका सैनिटाइजर नकली है। अगर गोला वैसा ही रहता है और सैनिटाइजर कुछ मिनटों में सूख जाता है तो इसका मतलब वह असली है।
- एक कटोरी में थोड़ा सा सैनिटाइजर निकाल कर डाल दीजिए। उसके बाद हेयर ड्रायर से उस पर हवा मारिए। अगर सैनिटाइजर 5-7 सेकेंड में सूख जाए तो वह असली है। नकली सैनिटाइजर इतनी देर में नहीं सूखेगा, वह और ज्यादा समय लेगा।