Friday, December 13, 2024
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प्रधानमंत्री मोदी ने अमृत महोत्सव का किया शुभारंभ, बोले- ‘नेहरू, अंबेडकर और पटेल के सपनों का भारत बनाने की ओर’

एफएनएन,अहमदाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुजरात के अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम से पदयात्रा (स्वतंत्रता मार्च) को हरी झंडी दिखाई और आजादी की 75वीं वर्षगांठ को समर्पित ‘अमृत महोत्सव’ से संबंधित कई कार्यक्रमों का उद्घाटन किया| प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जारी एक बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री आजादी के अमृत महोत्सव से संबंधित अनेक सांस्कृतिक व डिजिटल कार्यक्रमों का उद्घाटन किया| पीएम ने यहां जन-संबोधन में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और नेहरू, पटेल और सुभाष जैसे ऐतिहासिक पुरुषों के सपनों का भारत बनाने की ओर कदम बढ़ाए जा रहे हैं| पीएम ने देश के युवाओं, विद्वानों, कला और साहित्यजगत को लोगों से अपील की कि वो स्वतंत्रता आंदोलन और सेनानियों की कहानियां और उस वक्त का इतिहास लिखने में मदद करें|

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी आज दिल्ली में इस मौके पर इंडिया@75 कार्यक्रम में शिरकत करेंगे | कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में होने वाले ‘भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ- शुरुआत कार्यक्रम’ में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, कैबिनेट मंत्री और विधायकों समेत करीब 800 लोग शामिल होंगे| यह कार्यक्रम दोपहर 3:30 बजे शुरू होगा और रात नौ बजे तक चलेगा| इस कार्यक्रम के दौरान सिविल डिफेंस कर्मियो द्वारा कनाट प्लेस में मार्च भी निकाला जाएगा|

पीएम मोदी की अपील

पीएम ने अपने संबोधन में देश के युवाओं, विद्वानों, कला, नाट्य और साहित्य जगत को लोगों से अपील की कि वो आजादी के संग्राम और सेनानियों की कहानियां लिखें| उन्होंने कहा, ‘मैं कला-साहित्य, नाट्य जगत, फिल्म जगत और डिजिटल इंटरनेटनमेंट से जुड़े लोगों से भी आग्रह करूंगा, कितनी ही अद्वितीय कहानियाँ हमारे अतीत में बिखरी पड़ी हैं, इन्हें तलाशिए, इन्हें जीवंत कीजिए|
उन्होंने कहा कि ‘हमारे युवा, हमारे scholars ये ज़िम्मेदारी उठाएं कि वो हमारे स्वाधीनता सेनानियों के इतिहास लेखन में देश के प्रयासों को पूरा करेंगे| आज़ादी के आंदोलन में और उसके बाद हमारे समाज की जो उपलब्धियां रही हैं, उन्हें दुनिया के सामने और प्रखरता से लाएंगे|

पीएम ने महात्मा गांधी की दांडी यात्रा को याद करते हुए कहा कि ‘हमारे यहां नमक को कभी उसकी कीमत से नहीं आँका गया| हमारे यहाँ नमक का मतलब है- ईमानदारी| हमारे यहां नमक का मतलब है- विश्वास| हमारे यहां नमक का मतलब है- वफादारी| हम आज भी कहते हैं कि हमने देश का नमक खाया है| ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि नमक कोई बहुत कीमती चीज है, ऐसा इसलिए क्योंकि नमक हमारे यहाँ श्रम और समानता का प्रतीक है|
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