Sunday, December 22, 2024
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तराखंड8वीं पास आदिल मिर्जा ने डिस्कवरी देखकर सीखा सांप पकड़ना, हजारों विषधर...

8वीं पास आदिल मिर्जा ने डिस्कवरी देखकर सीखा सांप पकड़ना, हजारों विषधर का रेस्क्यू कर चुका है सर्प मित्र

एफएनएन, विकासनगर: उत्तराखंड में पछुवादून क्षेत्र में हुनर से रोजगार पाने वाले अनेक लोग हैं. ऐसा ही एक शख्स है आदिल मिर्जा. 33 साल का आदिल मिर्जा ने जहरीले सांपों को पकड़ने का हुनर पाया है. आदिल उपनल के माध्यम से भूमि संरक्षण वन प्रभाग कालसी में 2019 से अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

सर्प मित्र आदिल मिर्जा की कहानी

आदिल अब तक हजारों जहरीले सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं. इस हुनर के बल पर आदिल मिर्जा ने भूमि संरक्षण वन प्रभाग में उपनल के माध्यम से वर्ष 2019 में रोजगार मिला. आदिल मिर्जा का बचपन काफी गरीबी में बीता. माता पिता के और पत्नी के देहांत के बाद आदिल मिर्जा टूट से गए थे. एक बेटे के पालन पोषण की जिम्मेदारी उनके कंधों पर थी. कक्षा आठ तक पढ़े आदिल मिर्जा को बचपन से टीवी पर एनिमल रेस्क्यू देखने का बड़ा शौक था. उन्होंने इस शौक को हुनर में बदला और वन्य जीवों के रेस्क्यू का बीड़ा उठाया.
WhatsApp Image 2023-12-18 at 2.13.14 PM
सांपों और वन्य जीवों का रेस्क्यू करते हैं आदिल

आदिल मिर्जा पछुवादून में पाए जाने वाले सबसे जहरीले सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं. गर्मी, बरसात हो या कोई भी मौसम, वन विभाग द्वारा आदिल मिर्जा को पछुवादून क्षेत्र में इन घरों में सांप घुसने की रेस्क्यू कॉल दिन रात आती रहती हैं. आदिल मिर्जा समय से सांपों का रेस्क्यू कर उन्हें प्राकृतिक आवास वनों में छोड़ आते हैं. इन्होंने सापों के अलावा अन्व वन्य जीवों का भी रेस्क्यू किया है. आदिल मिर्जा को 26 जनवरी 2024 को भूमि संरक्षण वन प्रभाग कालसी के अंतर्गत वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा में उत्कृष्ट कार्य करने पर वन क्षेत्राधिकारी चौहडपुर रेंज सहसपुर द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जा चुका है.

सांप हैं किसान मित्र

 सर्प मित्र आदिल मिर्जा बताते हैं कि हमारा देश कृषि प्रदान देश है. यहां सापों की अनेक प्रजातियां विचरण करती हैं. सभी सांप किसान मित्र हैं. पर्यावरण के लिए सांपों का बहुत बड़ा योगदान है. सांप चूहों और कीड़े मकौड़ों से फसलों की रक्षा करते हैं. उन्होंने बताया कि जहरीले सापों की बात की जाए तो बचपन में जब मैं टीवी देखता था, तो एनिमल्स, स्नेक के प्रोग्राम देखकर ठाना की विदेश के लोग ऐसा कर सकते हैं, तो भारतीय इनसे अच्छा कर सकते हैं. तब से मैंने सापों के बारे में किताबें पढ़ीं.

हजारों सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं आदिल

 भारत में करीब 306 सापों की प्रजातियां रिकॉर्ड में दर्ज हैं. कुछ प्रजतियां और दर्ज होने की सम्भावना जताई जा रही है. आदिल ने कहा कि अगर जहरीले सापों की बात की जाए तो हमारे यहां इनकी चार प्रजातियां पाई जाती हैं. जिसमें से पछुवादून में तीन जहरीले सांप रेस्क्यू किए गए हैं. इंडिया के सबसे जहरीले सांप कामन करैत, इंडियन स्पेटिकल कोबरा, रसल वाइपर हैं. 2019 से करीब एक हजार के करीब सांपों के रेस्क्यू दर्ज किए हैं. आदिल ने कहा कि रसेल वाइपर का मिलना पछुवादून क्षेत्र के लिए चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि आम जन मानस को संदेश है कि यदि आपके घर में सांप घुस जाता है, तो उसे मारने का प्रयास ना करें. तुरंत वन विभाग को सूचित करें. अगर सांप द्वारा किसी को बाइट की जाती है तो तुरंत अस्पताल ले जाएं.

ये भी पढ़ें:- इन समस्याओं का कारण बन सकता है गर्भावस्था में थायराइड

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments