Friday, November 28, 2025
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तर प्रदेशसीपीडब्यूडी की ओर से बरेली में हुई राजभाषा विभाग की साहित्यिक संगोष्ठी...

सीपीडब्यूडी की ओर से बरेली में हुई राजभाषा विभाग की साहित्यिक संगोष्ठी और कार्यशाला

फ्रंट न्यूज नेटवर्क ब्यूरो, बरेली। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग बरेली के तत्वावधान में होटल रेडिशन बरेली

के सभागार में राजभाषा विभाग की साहित्यिक कार्यशाला एवं संगोष्ठी आयोजित की गई। समारोह के मुख्य अतिथि रहे नवीन कुमार बंसल अपर महानिदेशक लोक निर्माण विभाग लखनऊ और विशिष्ट अतिथि का दायित्व हिमांशु पांडे, राजीव कुमार और श्री रवि कुमार तीनों मुख्य अभियंता ने निभाया। महिपाल सिँह तोमर द्वारा राजभाषा विकास के कई पहलुओं पर चर्चा की गयी। दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन का शुभारम्भ कवयित्री उन्नति शर्मा द्वारा माँ वाणी की वंदना से किया गया।

बरेली के वरिष्ठ कवि गीतकार कमल सक्सेना ने अपनी हिंदी की पंक्तियों से अपना काव्य पाठ करते हुए कहा कि,,,, हमने कभी सोचा न था आजादी के बाद भी हम अंग्रेजी के दासता में ऐसे डूब जायेंगे। हिंदी पखवाड़ा कभी हिंदी सप्ताह कभी अपनी राष्ट्र भाषा का यूँ जन्मदिन मनायेंगे। हमने माना अंग्रेजी के शब्दों का सहारा लेकर जमानें की दौड़ में कुछ आगे बढ़ जायेंगे। पर ये बतादो हमें नन्हे नन्हे लाड़लों को कैसे मीठी मीठी हम. लौरियाँ सुनायेंगे। इसके बाद कमल सक्सेना ने अपनी कविता पर जोर दार तालियां बजवाई। उन्होंने कहा कि,,,
मिटेंगी हस्तियाँ तेरी अमन तब याद आयेगा। मिलेंगी ठोकरें अपना वतन तब याद आयेगा। विदेशी रंग में रंगकर तेरी बेटी जवां होंगी, तुझे इस देश का चालो चलन तब. याद आयेगा। जिस पर सभागार में बैठे हुए अभी श्रोताओं ने दिल खोलकर तालियाँ बजायी। हास्य कवि उमेश त्रिगुनायत अद्भुत ने अपनी हास्य की चुटकियों से सबको हँसने पर मजबूर कर दिया. उन्होंने कहा कि,,,
छप्पन भोग जिन्होंने जग में बिन नापे कूते खाए।
बतखोरी मक्खनबाजी चुगली के बलबूते खाए।
माना एक समय तक उनकी बल्ले बल्ले रहती है,
लेकिन अंत समय में ऐसे लोगों ने जूते खाए।

श्रृंगार की कवयित्री उन्नति शर्मा ने भी अपनी कविता पर जोर दार तालियाँ बजवाई उन्होंने
महिला क्रिकेट टीम के लिए कहा कि.,,,
निगाहें   बचाकर  किधर   जाइयेगा
खुशी को छुपाकर किधर  जाइयेगा ।
तुम्हीं ने कहा था कि इनसे न  होगा ,
तो अब मुस्कुराकर किधर जाइयेगा।
वरिष्ठ शायर हिमांशु श्रोत्रिय निष्पक्ष ने हिंदी पर अपनी कविता पढ़ते हुए कहा कि,,
हिंदी का मान बढ़ाना है,
मन से इसको अपनाना है।
यह सरल और सीधी भाषा,
सारे जग को समझाना है।
हिंदी का मान बढ़ाना ह
हिंदी का मान बढ़ाना है,
इसके बाद उन्होंने ग़ज़ल पढ़ते हुए कहा कि,,,
परेशा है बहुत सबके दिलों पर बोझ भारी है। ज़माने में अभी भी हँसने का. दस्तूर जारी है।

कवि सम्मेलन का सफल व उत्कृष्ट संचालन चर्चित कवि-शायर हिमांशु श्रोत्रिय निष्पक्ष ने किया। अंत में कवियों को शाल उढ़ाकर और पौधा देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के आयोजकों ने कवि सम्मेलन की भूरी भूरी सराहना की। कार्यक्रम के आयोजन में श्री विशाल कुमार,,, कार्यपालक अभियंता, व श्री मुकेश कुमार सहायक अभियंता व सहायक अभियंता राकेश मीणा जी आदि का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के कई शहरों से आये हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने देर रात तक उपस्थिति दर्ज कराई।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments