एफएनएन, देहरादून : उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने पलायन को लेकर धामी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बीते पांच सालों में 28,531 लोगों का स्थायी पलायन — और 3,07,310 से ज्यादा लोगों का रोज़गार, शिक्षा व मूलभूत सुविधाओं के अभाव में अस्थायी पलायन। ये सिर्फ आंकड़े नहीं, यह सरकार की विफल नीतियों का कठोर सत्य है।
नेता प्रतिपक्ष ने धामी सरकार को घेरा
यशपाल आर्य ने कहा कि अल्मोड़ा, टिहरी, पौड़ी, बागेश्वर… जिन जिलों ने कभी राज्य निर्माण का सपना सँजोया था, वे आज सबसे अधिक पलायन की मार झेल रहे हैं। घर के आँगन सूने पड़े हैं, खेत परती हो रहे हैं, और पूरे-पूरे गाँव उजड़ रहे हैं। प्रदेश में विकास की बातें मीडिया पर होती रहती है, लेकिन सच्चाई ये है कि इस सरकार में ना नौकरी, ना स्वास्थ्य सुविधा, ना शिक्षा, ना आजीविका, जनता की मूलभूत सुविधाएं भी अस्त व्यस्त पड़ी है जिस कारण लोग अपने घरों को छोड़ने को मजबूर हैं।
उत्तराखंड में आज हालात उलटे हैं
नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि हमारा उत्तराखंड पलायन से नहीं – प्रगति से भरा हुआ राज्य होना चाहिए था, पर आज हालात उलटे हैं। यह सिर्फ आर्थिक संकट नहीं, यह सामाजिक-भावनात्मक त्रासदी है, जहाँ अपनी ही मिट्टी अपने लोगों को रोक नहीं पा रही है क्योंकि वे अपनी मूलभूत सुविधाओं से ही वंचित हैं। जनता बदलाव चाहती है। जनता समाधान चाहती है। और इस आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता।
भविष्य को बचाने की लड़ाई है।
पलायन रोकना सिर्फ एक वादा नहीं – यह हमारी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को बचाने की लड़ाई है। और इस लड़ाई में हम पहाड़ के हर परिवार के साथ खड़े हैं – सदन में भी, सड़क पर भी। उत्तराखंड को खाली नहीं होने देंगे। हमारा वादा है हम उत्तराखंड को मजबूती, सम्मान और अवसरों से भरेंगे।
नेता प्रतिपक्ष ने दिए सुझाव
- पहाड़ों में रोजगार के वास्तविक अवसर पैदा करने की।
- स्कूल-अस्पतालों में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने की।
- सड़कों, पानी, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएँ मुहैया कराने की।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने की ठोस नीति बनाने की।
- महिलाओं और युवाओं के लिए सुरक्षित आजीविका के अवसर तलाशने की।
- कृषि-बागवानी-पर्यटन को मजबूत सहारा देने की।





