एफएनएन, देहरादून : अब तो लोग शादी भी ऐसे अंदाज में कर रहे हैं कि यादगार हो जाए। इसके लिए लोग तरह तरह के प्रयोग कर रहे हैं। ये प्रयोग सोशल मीडिया में भी वायरल हो रहे हैं। अब एक वकील ने तो गजब का प्रयोग कर दिया। वो भी शादी के कार्ड में। अब गुवाहाटी, असम के एक वकील का वेडिंग कार्ड भी शामिल हो गया है। इस कपल ने अपने खास दिन के लिए एक संविधान-थीम वाला शादी का कार्ड छपवाया है। कार्ड में समानता का प्रतिनिधित्व करने के लिए न्याय के तराजू के दोनों ओर दूल्हा और दुल्हन के नाम लिखे गए हैं। शादी के निमंत्रण में भारतीय विवाहों को नियंत्रित करने वाले कानूनों और अधिकारों का भी उल्लेख है।
कार्ड में लिखा है कि विवाह का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का एक घटक है। इसलिए, यह मेरे लिए इस मौलिक अधिकार का उपयोग करने का समय रविवार 28 नवंबर 2021 को है। निमंत्रण में आगे कहा गया है कि-जब वकीलों की शादी होती है, तो वे ‘हां’ नहीं कहते हैं, वे कहते हैं -‘हम नियम और शर्तों को स्वीकार करते हैं।
संविधान पर आधारित शादी का कार्ड सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काफी वायरल रहा है, जबकि कुछ लोगों ने मजाक में कहा कि उन्होंने निमंत्रण पढ़ने के बाद CLAT पाठ्यक्रम का आधा हिस्सा पूरा कर लिया, कुछ ने सोचा कि क्या कपल की शादी कोर्ट-थीम वाली होगी। एक यूजर ने कहा कि-यह कोर्ट समन की तरह है। दूसरे ने कहा कि वह शख्स अभी भी अपने नाम के आगे ‘एडवोकेट’ लगाने से चूक गया है। एक यूजर ने मजाक में कहा कि- इसका आमंत्रण पढ़कर क्लैट का आधा सिलेबस कवर हो गया। किसी ने सुझाव दिया-पंडित की जगह जज को बैठा लो। वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा- सजावट के बारे में सोच रहा हूं… कोर्ट थीम।





