एफएनएन, देहरादून : कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत पाखरो टाइगर सफारी निर्माण के मामले में विजिलेंस के अधिकारियों ने लगातार तीसरे दिन भी वन मुख्यालय में डेरा डाले रखा। आईएफस अफसरों से लगातार की जा रही पूछताछ के बाद इस प्रकरण से जुड़े अन्य अधिकारियों की धड़कनें बढ़ती जा रही हैं। वहीं, वन मुख्यालय में जांच को लेकर काफी हलचल है।
कालागढ़ टाइगर रिजर्व के पाखरो में वित्तीय और प्रशासनिक अनुमति मिलने से पहले टाइगर सफारी का निर्माण शुरू करने का आरोप है। पाखरो में 106 हेक्टेयर वन क्षेत्र में टाइगर सफारी के लिए बाड़ों के निर्माण समेत तमाम कार्य किए गए। आरोप है कि कार्य के दौरान मिलीभगत कर तय संख्या से अधिक पेड़ काटे गए और बफर जोन में पक्के निर्माण कर दिए गए। इस मामले में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की टीम ने भी स्थलीय निरीक्षण किया है।
शिकायतों के सही पाए जाने पर एनटीसीए ने जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद सबसे पहले पाखरो के वन क्षेत्राधिकारी को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग के तत्कालीन डीएफओ किशन चंद और फिर तत्कालीन मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग को निलंबित कर दिया गया, जबकि तत्कालीन कॉर्बेट निदेशक को मुख्यालय से संबद्घ कर दिया गया था।
- पूर्व पीसीसीएफ (हॉफ) राजीव भरतरी और अन्य से पूछताछ
- सीईसी के समक्ष उपस्थित हुए उत्तराखंड के अफसर