- उत्तराखंड में चल रही राजनीतिक उठापठक को लेकर नई खबर सामने आई है और सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि 9 मार्च यानी मंगलवार को दिल्ली में भाजपा की पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक हो सकती है जिसमें उत्तराखंड को लेकर कुछ अहम फैसले हो सकते हैं
एफएनएन, नई दिल्लीः उत्तराखंड को लेकर राजनीतिक गतिविधियां और तेज हो गई हैं| पर्यवेक्षकों के दिल्ली वापस लौटने के बाद माना जा रहा है सोमवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिल्ली तलब किया गया है| त्रिवेंद्र सिंह रावत भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं| इस बीच खबर यह भी आ रही है कि सोमवार को भाजपा उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और दूसरे पर्यवेक्षक उत्तराखंड के प्रभारी महासचिव दुष्यंत गौतम अपनी रिपोर्ट भाजपा आलाकमान को सौंप सकते हैं|
दो केंद्रीय नेता पर्यवेक्षक बनकर गए थे देहरादून
गौरतलब है कि शनिवार को भाजपा आलाकमान ने उत्तराखंड में सरकार और संगठन में व्याप्त असंतोष को ध्यान में रखते हुए दो केंद्रीय नेताओं को पर्यवेक्षक बनाकर देहरादून भेजा था| भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह और उत्तराखंड के प्रभारी महासचिव दुष्यंत गौतम ने देहरादून में पूरे दिन चली मैराथन बैठक में कोर कमेटी के सदस्यों की राय ली| साथ ही मुख्यमंत्री के साथ भी लंबी चर्चा की जिसके बाद देर रात दिल्ली वापस लौट आए| माना यह जा रहा है कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद पर भाजपा बदलाव कर सकती है जिसे ध्यान में रखते हुए रायशुमारी के लिए ही दो केंद्रीय नेताओं को उत्तराखंड भेजा गया था| सूत्रों की मानें तो 9 मार्च को दिल्ली में भाजपा की पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक हो सकती है जिसमें उत्तराखंड को लेकर कुछ अहम फैसले लिए जा सकते हैं|
शनिवार को सामने आई थी खबर
शनिवार को खबर आई थी कि बीजेपी हाईकमान की ओर से छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और बीजेपी महासचिव दुष्यंत गौतम को उत्तराखंड में पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया और इन दोनों पर्यवेक्षकों ने 4 बीजेपी सांसदों से चर्चा की| इस सियासी हलचल के बाद अटकलें लगाई जाने लगीं कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बदलने से लेकर मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल तक की संभावना बन गई है|
अगले साल उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव
अगले साल राज्य में विधानसभा के चुनाव होने हैं लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का विरोधी खेमा उन्हें बदलने की मांग काफी लंबे समय से कर रहा है और माना जा रहा है कि इसी को लेकर दो पर्यवेक्षकों को उत्तराखंड भेजा गया था|