- प्रवासियों को मिलेगी प्राथमिकता
- नवंबर – दिसंबर से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू
एफएनएन, देहरादून: उत्तराखंड के नौजवानों के लिए अच्छी खबर है। घर लौटे प्रवासियों के रोजगार के लिए सरकार ने बहुत सी योजनाएं चलाई हैं। अब सरकार वन विभाग में 10 हजार युवाओं को बतौर वन प्रहरी नियुक्त करने जा रही है। ये वन प्रहरी गमिर्यों में फायर वाचर का काम करेंगे तो शेष दिनों में प्लांटेशन और जंगलों की चैकीदारी का काम करना होगा। विभाग इन्हें हर महीने 8000 रुपये मानदेय देगा। इसका योजना का ड्राफ्ट करीब-करीब तैयार कर लिया गया है। नवंबर अंत या दिसंबर शुरुआत में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसमें प्राथमिकता प्रवासियों को दी जाएगी।
कैंपा फंड से मिलेगा पैसा
हेड आफ फारेस्ट डिपार्टमेंट जयराज का कहना है कि इसके लिए बजट की व्यवस्था भी कर ली गई है। इन्हें वेतन कैंपा हेड से दिया जाएगा। इसके लिए 210 करोड़ के प्रस्ताव को कैंपा की कार्यकारी समिति ने हरी झंडी भी दे दी है। अब 12 अक्टूबर को इसे चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता वाली संचालन समिति से पास कराकर भारत सरकार को भेजा जाएगा। बता दें कि विकास योजनाओं के लिए जो वन भूमि अधिगृहित की जाती है उसका पैसा कैंपा फंड में जाता है। इसके इस्तेमाल के लिए राज्य सरकारें अपना प्रस्ताव केंद्र को भेजती हैं और केंद्र राज्य के कैंपा हेड से पैसा रिलीज करता है। हालांकि बाध्यता यह है कि कैंपा की धनराशि कुछ निशिचत मदों में ही खर्च की जा सकती है।
पुराना पैसा ही खर्च नहीं हुआ
राज्य सरकार की मांग पर साल 2020-21 के लिए केंद्र ने 225 करोड़ की राशि स्टेट कैंपा को दी थी। इस पैसे को 31 मार्च तक खर्च किया जाना है लेकिन अभी लगभग 125 करोड़ की धनराशि ही खर्च हो पाई है। बावजूद इसके 210 करोड़ का अनुपूरक प्रस्ताव फिर कैंपा हेड में केंद्र को भेजा जा रहा है। इसी 210 करोड़ की धनराशि में से बड़ा हिस्सा वन प्रहरी के रूप में लगाए जाने वाले 10 हजार बेरोजगारों के वेतन पर खर्च किया जाएगा। यानी कि पहले तो इस पैसे को रिलीज होने में अगर दिसम्बर तक का भी समय लगता है तो चालू वित्तीय वर्ष के शेष तीन महीनों में ये 210 करोड़ खपाने होंगे। इस सबमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि दिसंबर तक 10 हजार खाली हाथों को सरकार काम सौंपने जा रही है। मकसद 2022 का चुनाव भी है। चर्चा तो यह भी है कि चुनाव आते-आते इनकी संख्या दोगुनी भी की जा सकती है।