गणेश ‘पथिक’-एफएनएन ब्युरो, मीरगंज-बरेली। प्रसूताओं से प्रसव कराने के एवज में पांच-पांच हजार रुपये तक के सुविधा शुल्क की अवैध वसूली मामले की जांच के लिए सीएमओं डॉ विश्राम सिंह द्वारा गठित दो सदस्यीय कमेटी मीरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची और छानबीन में जुट गई।
आरोप है कि 12 सितंबर और 16 सितंबर 2024 को दो प्रसूताओं से मीरगंज सीएचसी के ड्यूटी पर तैनात स्टाफ ने प्रसव के नाम पर पांच हजार रुपये तक की अवैध वसूली की थी। अवैध उगाही का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिला पंचायत सदस्य निरंजन यदुवंशी के नेतृत्व में पीड़ित पक्ष ने 17 सितंबर को सीएचसी पर विरोध प्रदर्शन भी किया था। सूचना पर पहुंचीं एसडीएम मीरगंज तृप्ति गुप्ता को पीड़िता ने शिकायती पत्र देकर हस्तक्षेप की मांग की थी। एसडीएम का कड़ा रुख भापकर चिकित्साधीक्षक ने नथपुरा गांव की अनीता पत्नी उमेश से वसूले गए पांच हजार रुपये पीड़िता को वापस भी कराए थे।
प्रसव के बदले प्रसूताओं से अवैध वसूली मामले को सीएमओ ने गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी। टीम में शामिल डिप्टी सीएमओ डॉ. पवन कपाही और डॉ. लईक अहमद अंसारी ने मीरगंज सीएचसी पहुंचकर सबसे पहले एमओआईसी डॉ. विनय कुमार पाल से घटनाक्रम की जानकारी ली।बाद में घटनाओं के समय मौजूद रहे स्वास्थ्य कर्मियों से पूछताछ कर उनके बयान भी दर्ज किए। इस प्रकरण में ज्यादा जानकारी मांगने पर टीम के सदस्यों ने सिर्फ इतना ही बताया कि फिलहाल जांच की जा रही है।
उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर पवन कपाही ने बताया कि प्रसव कराने के नाम पर रुपये लेने के मामले मे उन्होंने और दूसरे डिप्टी सीएमओ डॉक्टर लईक अहमद अंसारी ने कई कर्मचारियों के बयान दर्ज किए हैं। मामले की जांच शुरू की दी गई है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश करेंगे।