एफएनएन, प्रयागराज : अतीक अहमद उमेश पाल अपहरण कांड में उम्रकैद की सजा सुनाई है। अतीक के साथ दोषी करार दिए गए दिनेश पासी और सौलत हनीफ को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। हालांकि, अतीक के भाई अशरफ समेत सात जीवित आरोपी मंगलवार को दोष मुक्त करार दिए गए हैं। माफिया अतीक पर आज से 44 साल पहले पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। तब से अब तक उसके ऊपर सौ से अधिक मामले दर्ज हुए, लेकिन पहली बार किसी मुकदमे में उसे दोषी ठहराया गया है।
आइये जानते हैं उस मामले में के बारे में जिसमें अतीक दोषी करार दिया गया। कैसे उमेश पाल ने 17 साल तक अतीक को सजा दिलाने के लिए संघर्ष किया। कैसे सजा मिलने से पहले उमेश की हत्या कर दी गई।
- कई मुकदमों में मुकर गए गवाह
जुर्म और राजनीति के साथ -साथ अतीक अब ठेकेदारी और जमीन के धंधे में भी कूद पड़ा। जमीन की खरीद-फरोख्त और रंगदारी से अतीक ने ही नहीं, बल्कि उसके गुर्गों ने भी अकूत संपत्ति जुटा ली। अतीक का खौफ इतना था कि उसके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज करने की हिम्मत नहीं करता था। अगर कर भी दिया तो बाद में गवाह मुकर जाते। कई मामलों में वादी ने ही लिखकर दे दिया कि उसने अतीक के खिलाफ गलत मुकदमा दर्ज कराया था। यहां तक कि प्रदेश सरकार ने अतीक के खिलाफ कई गंभीर मुकदमों को वर्ष 2001, 2003 और 2004 में वापस ले लिया था। कई मामलों में तो पुलिस ने अतीक की नामजदगी को गलत बता एफआर लगा दी थी।