बड़ा सवाल : किसे बचा रहे हैं सूबे के बड़े पुलिस अधिकारी
एफएनएन, देहरादून : उधमसिंह नगर के पूर्व एसएसपी बरिंदरजीत सिंह का तबादला आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट जाना तमाम सवाल छोड़ गया। बरिंदरजीत ने आरोप लगाया है कि सूबे के बड़े पुलिस अधिकारी उनका उत्पीड़न और अपने कुछ करीबियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे। उनके इस आरोप ने सियासत में हलचल पैदा कर दी है। बड़ा सवाल यह है कि सूबे के पुलिस अधिकारी आखिर किस की शह और किसे बचाने की कोशिश कर रहे थे। आईपीएस बरिंदरजीत सिंह की गिनती ईमानदार अफसरो में होती है। भाजपा की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत ही उन्हें ऊधमसिंह नगर का पुलिस कप्तान बनाया गया था। हुआ भी वही बरिंदरजीत सिंह न तो किसी के दबाव में आए और न ही किसी के कहने पर चले। उन्होंने विधायकों और उनके रिश्तेदारों तक पर मुकदमें ठोक दिए। ठुकराल पर मुकदमा उनके एसएसपी रहते ही दर्ज किया गया। इस बीच कुछ दिनों पहले ऊधमसिंह नगर से उनकी विदाई काफी कुछ इशारा कर रही थी, लेकिन तबादला एक प्रक्रिया है तो इस पर लोगों ने ज्यादा दिमागी जोर नहीं डाला। अब क्योंकि बरिंदरजीत सिंह अपने ही विभाग के डीजीपी, डीजी लॉ एंड ऑर्डर और पूर्व आईजी के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंच गए हैं तो तमाम सवाल उठ खड़े हुए हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर आला अधिकारी किसको बचाने का प्रयास कर रहे थे? यह उनके करीबी हैं रिश्तेदार या फिर सत्ता से जुडे लोग? अभी कहना मुश्किल है। बरिंदरजीत सिंह ने अधिकारियों पर अपने उत्पीड़न का आरोप भी लगाया है, ऐसे में सियासत गरमा गई है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या एसएसपी रहते सिंह यहां तनाव में काम कर रहे थे? क्या उनका तबादला साजिश के तहत किया गया? क्या उनका उत्पीड़न किसी साजिश का हिस्सा था? खैर अब कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान ले लिया है। यह माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में कोई निर्णय आएगा। आरोपित अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं औऱ उनसे स्पष्टीकरण भी मांग लिया गया है। ऐसे में सियासी हल्कों में चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं। बरिंदरजीत सिंह ने अपना तबादला आदेश रद्द किए जाने की मांग भी की है, यानी साफ है कि वह इस आदेश से दुखी है। अब देखना यह है कि कोर्ट इस मामले में क्या रुख लेता है।