- इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट ने साफ की स्थिति
- कहा, शिलान्यास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलाएंगे
एफएनएन, लखनऊ : सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा अयोध्या में मस्जिद व अन्य निर्माण के लिए गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के सचिव व प्रवक्ता अतहर हुसैन ने स्पष्ट किया है कि मस्जिद का नाम बाबरी मस्जिद रखने का कोई विचार नहीं है। ट्रस्ट ने किसी भी इमारत का अभी कोई नाम तय नहीं किया है। अतहर हुसैन ने बताया कि अयोध्या के धन्नीपुर गांव में मस्जिद के साथ ही अस्पताल, लाइब्रेरी, सामुदायिक रसोईघर, म्यूजियम और रिसर्च सेंटर बनाया जाएगा। यह सभी चीजें जनता की सुविधाओं के लिए होंगी और जनता को सहूलियत देने का काम मुख्यमंत्री का होता है। इसी नाते इनके शिलान्यास को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री कार्यक्रम में न सिर्फ शिरकत करेंगे, बल्कि जन सुविधाओं के निर्माण के लिए सहयोग भी करेंगे। नाम के सवाल पर अतहर ने कहा कि मस्जिद-ए-नबवी और कुछ अन्य गिनी चुनी मस्जिदों को छोड़कर बाकी किसी भी मस्जिद का नाम मायने नहीं रखता। अल्लाह की नजर में मस्जिद में किए गए सजदे ही मायने रखते हैं, बाकी सब बेमानी है। उन्होंने बताया कि निर्माण के लिए जन सहयोग से धन जुटाया जाएगा।
यह कहा था योगी आदित्यनाथ ने
योगी आदित्यनाथ ने गत बुधवार को एक साक्षात्कार में अयोध्या में मस्जिद के शिलान्यास कार्यक्रम में शिरकत किए जाने की संभावना संबंधी सवाल पर कहा था कि न तो उन्हें बुलाया जाएगा और न ही वह जाएंगे। उन्होंने कहा था, ‘अगर आप एक मुख्यमंत्री की हैसियत से यह सवाल पूछ रहे हैं तो मुझे किसी धर्म, मान्यता या समुदाय से कोई परहेज नहीं है, लेकिन अगर आप मुझसे एक योगी के रूप में पूछ रहे है तो मैं हरगिज नहीं जाऊंगा, क्योंकि मुझे अपनी उपासना विधि का पालन करने का अधिकार है।उन्होंने कहा था, ‘मैं न तो वादी हूं और न ही प्रतिवादी, इसलिए न तो मुझे बुलाया जाएगा और न ही मैं जाऊंगा। मुझे मालूम है कि मुझे इसका निमंत्रण भी नहीं मिलेगा।