प्रखर पत्रकार, मूर्धन्य संपादक, सिद्धांतों को कठोरता से जीने वाले अटल-आदर्श राजनेता और युगदृष्टा-राष्ट्रचेता कवि एवं पूर्व प्रधानमंंत्री अटल बिहारी बाजपेई को पावम पुण्य तिथि पर काव्य गोष्ठी में वाणी पुत्रों ने दी काव्यमय-भावभरी श्रद्धांजलि
एफएनएन ब्यूरो, बरेली। साहित्यिक संस्था ‘शब्दांगन’ के तत्वावधान में मंगलवार को भारत रत्न अटल जी के शताब्दी वर्ष पर कूंचा डालचंद में डॉ. सुरेश रस्तोगी के आवास पर आकाशवाणी बरेली के सेवानिवृत्त कार्यक्रम अधिशाषी एवं चर्चित कवि राजेश गौड़ को “अटल मन: कवि” की उपाधि से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर आयोजित कवि गोष्ठी में दो दर्जन ये अधिक सरस्वती पुत्रों ने अटलजी को काव्यमय पुष्प अर्पित करते हुए खूब समां बांधा –
कभी तरल, कभी सरल
और कभी अटल हैं
राजेश गौड़ को उत्तरीय, स्मृति चिन्ह्, मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर अध्यक्ष डॉ
. सुरेश रस्तोगी, महामंत्री इंद्रदेव त्रिवेदी और नवगीतकार रमेश गौतम ने सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता नवगीतकार रमेश गौतम ने की और संचालन महामंत्री इंद्रदेव त्रिवेदी ने किया। कार्यक्रम का प्रारंभ मोहित रस्तोगी की वाणी वंदना से हुआ।
अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए कवि रितेश साहनी ने कहा –
“अटल इरादों से किया, भारत का उद्धार।
अटल बिहारी नमन है, तुमको बारंबार।। “
कवि मनोज दीक्षित टिंकू की रचना भी सामयिक रही-
“धन साधन से नहीं किसी की हो पाती पहचान है।
कुशल प्रणेता अटल बिहारी भू पर बहुत महान है ।। “
कवि गणेश ‘पथिक’ ने अटल बिहारी वाजपेयी को अप्रतिम कवि बताते हुए कहा ” अटल जी प्रखर पत्रका़र, अतुल्य संपादक,
अप्रतिम वक्ता, सिद्धांतप्रिय राजनेता और राष्ट्रचेता,अटल मन: कवि भी थे।
शब्दांगन के अध्यक्ष डॉ सुरेश रस्तोगी का यह दोहा भी खूब पसंद किया गया-
“अटल मन: वो थे यहां, भारत भू की शान।
अपने हर व्यक्तित्व से, रचे नये प्रतिमान।। “
महामंत्री इंद्रदेव त्रिवेदी की ये पंक्तियां बहुत सराही गईं-
“कभी अचल, कभी अतल और कभी अनल हैं।
कभी चपल, कभी असल और कभी कमल हैं।
कवि मन: भारत रत्न अटल-चित्र यूं दिखा,
कभी तरल, कभी सरल और कभी अटल हैं।। “
सम्मानित कवि एवं सारस्वत अनुष्ठान के मुख्य अतिथि राजेश गौड़ की अटल जी से संबंधित कविता भी खूब प्रशंसित हुई और सार्थक रही-
“है अटल तुम्हारे पीछे हर भारत का वासी।
आधी रोटी पानी से हम काम चला लेंगे।
दुनिया को दिखा देंगे तूफान उठा देंगे,
भारत को दुनिया का सरताज बना देंगे।। “
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नवगीतकार रमेश गौतम ने नवगीत सुनाते हुए अटल बिहारी वाजपेयी का अजातशत्रु की उपाधि से अभिनंदन किया।
अन्य प्रमुख कवियों में मूर्धन्य साहित्यकार रणधीर प्रसाद गौड़ धीर, एके सिंह तन्हा, रामकुमार भारद्वाज अफरोज, राम प्रकाश सिंह ओज राजकुमार अग्रवाल, आचार्य मेधावृत शास्त्री, बिंदू सक्सेना, नरेंद्र पाल सिंह, विशाल शर्मा, मोहित रस्तोगी, वंश कक्कड़, व्यासनंदन शर्मा आदि ने भी बहुआयामी विराट व्यक्तित्व के धनी अटल बिहारी वाजपेयी जी की प्रशंसा में काव्यपाठ किया।
कार्यक्रम का रोचक संचालन महामंत्री इंद्रदेव त्रिवेदी ने किया और शब्दांगन के अध्यक्ष डॉ सुरेश रस्तोगी ने सभी कवियों को नववर्ष पर खूबसूरत पेन भेंट किए।
अंत में मूर्धन्य कवि-साहित्यकार स्वर्गीय राममूर्ति गौतम गगन के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर पूरे सदन ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।।