अब एटा से मनहूस खबर, ब्रश कर रहे 45 साल के अग्नि शमन आरक्षी को पड़ा हार्ट अटैक
मेडिकल कॉलेज पहुंचाए जाने से पहले कुछ ही मिनटों में उखड़ गई जवान की सांसें
पत्नी और चार बच्चों की कच्ची गृहस्थी पर टूटा दुखों का पहाड़, परिवार का बुरा हाल
कार्यकारी संपादक गणेश ‘पथिक’ की एक्सक्लूसिव स्टोरी
फ्रंट न्यूज नेटवर्क ब्यूरो, बरेली/एटा। इसे असंतुलित खानपान या अनियमित लाइफ स्टाइल का दुष्प्रभाव माना जाए या फिर कुछ और…लेकिन चलते-फिरते, नाचते-गाते या फिर रोजाना की तरह घर या जिम में वर्कआउट करते बजुर्गों की ही नहीं, कम उम्र युवाओं की भी हार्ट अटैक पड़ने और अस्पताल पहुंचने से पहले ही या फौरन बाद कुछ ही मिनटों में फटाफट मौतें होने के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं। अब यूपी से एटा जिले से भी मेडिकल साइंस को चुनौती देने वाला अचानक हार्टअटैक से युवा अग्निशमन आरक्षी की चंद मिनट मैं मौत की दर्दनाक घटना प्रकाश में आई है।
जनपद एटा के थाना मलावन के गांव नगला भूपाल में 45 वर्षीय अग्निशमन आरक्षी सतेंद्र सिंह मंगलवार दोपहर को नहाने से पहले टूथब्रश कर रहे थे। तभी अचानक बेहोश होकर गिर गए। फौरन मेडिकल कॉलेज ले जाया गया लेकिन देखते ही चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
मृत अग्निशमन आरक्षी (सिपाही) के पुत्र सूर्यांश ने बताया कि पिता सतेंद्र सिंह मंगलवार दोपहर नहाने से पहले रोजाना की तरह टूथ ब्रश कर रहे थे। तभी अचानक से उनके सीने में तेज दर्द उठा और गश खाकर गिर पड़े। परिजन आनन-फानन मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे लेकिन चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। फायर ब्रिगेड के नौजवान सिपाही की हार्ट अटैक से अचानक हुई दर्दनाक मौत मनहूस खबर पूरे परिवार पर रंजोगम और मातम के पहाड़ की तरह टूटकर गिरी है। पूरे परिवार में पिछले चौबीस घंटे से चीख-पुकार मची हुई है। सूचना पर पहुंची मलावन थाना पुलिस ने शव का पंचनामा भरवाकर पोस्टमार्टम कराया है।
परिजनों का रो-रोकर हुआ बुरा हाल
मेडिकल कॉलेज में परीक्षण के बाद चिकित्सक ने जवान सतेंद्र सिंह को मृत घोषित कर दिया। यह जानकारी मिलते ही पत्नी-बच्चे बुरी तरह से रोने लगे। कुछ ही देर नें अन्य नाते-रिश्तेदार भी पहुंच गए। सबका रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। साले बंटू ने बिलखते हुए बताया कि जीजा सतेंद्र अपने पीछे चार नाबालिग संतानों की कच्ची गृहस्थी छोड़ गए हैं। दो बेटियां बड़ी और दोनों बेटे छोटे हैं।
सवा महीने पहले भी एटा में ही दारोगा को भी पड़ा था दिल का दौरा, मौत
फ्रंट न्यूज नेटवर्क, एटा। लगभग सवा माह पहले भी एटा जिले के ही थाना मिरहची में तैनात एक दारोगा की भी दिल का दौरा पड़ने से फटाफट मौत की विचलित कर देने वाली खबर आई थी।
मिरहची थाने में तैनात उप निरीक्षक अमरीश चौधरी 1991 के बैच में पुलिस में भर्ती हुए थे। 4 नवंबर की सुबह अचानक सीने में तेज दर्द होने लगा। साथियों ने शहर के मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। हालत गंभीर होने पर एएमय़ू अलीगढ़ रेफर कर दिया गया। अलीगढ़ ले जाते समय रास्ते में ही दारोगा के प्राण पखेरू उड़ गए। बताते हैं कि इसी साल दीवाली से पहले अमरीश चौधरी का हेड कांस्टेबल से दरोगा की पोस्ट पर प्रमोशन भी हुआ था। अमरीश चौधरी गांव लोहर्रा थाना लोधा जिला अलीगढ़ के रहने वाले थे। उनकी मौत के तीसरे दिन भी परिवारीजनों में कोहराम मचा हुआ है।
केस 1- कॉमेडियन राजू कश्यप
हार्ट अटैक से अचानक होने वाली मौतों के आंकड़े बेशक ही दिल दहलाने वाले हैं। दिल का दौरा उम्रदराज सीनियर सिटीजंस से लेकर सेना और पुलिस के फुर्तीले जवानों और टीनएजर बच्चों तक की जान का दुश्मन बना हुआ है। पिछले ही साल हुई मशहूर कॉमेडियन राजू कश्यप को देश अभी भी शायद भूला नहीं था। गुनगुनी सर्दियों की एक सुबह रोजाना की तरह दिल्ली में जिम में वर्क आउट करते वक्त अचानक हार्ट अटैक पड़ा। परिजनों ने फौरन एम्स में भर्ती करवाया लेकिन देश के काबिल डॉक्टरों की फौज और परिजनोंं, शुभचिंतकों, दोस्तों और लाखों फैन्स की दुआएं भी उन्हें जीवन नहीं लौटा पाईं। हुए एम्स के आईआईसीयू वार्ड में 54-55 दिन तक जिंदगी और मौत के बीच रस्साकशी करने आखिरकार वो भी ईश्वर को प्यारे हो गए।
केस 2-बरेली युवा डांसर सुनील
इधर, बरेली में भी शायद दो साल पहले एक होटल में शहर के गणमान्य लोगों के कल्चरल प्रोग्राम में नृत्य कर रहे एक युवा प्रोफेशनल डांसर सुनील को अचानक हार्ट अटैक आया और बेहोश होकर गिर पड़े। अग्रिम पंक्तियों में बैठे कई मीडिया कर्मियों और दर्शकों के मोबाइल कैमरों में सबको स्तंभित कर देने वाला दृश्य तब तक कैद भी हो चुका था। प्रोग्राम में मौजूद प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ. विनोद पागरानी ने कार से चंद मिनटों में ही अपने अस्पताल में ले जाकर उन्हे भर्ती भी कराया लेकिन जान नहीं बचाई नहीं जा सकी।
..ये तो सिर्फ चंद भयावह सैम्पिल बानगियां ही हैं। असल सच्चाई तो यह है कि तकरीबन हर रोज ही हर शहर-कस्बे-गांव के छोटे-बड़े अस्पतालों और घरों में हार्ट अटैक की वजह से न जानें कितनी इंसानी जिंदगियां बेवक्त ही खत्म हो जा रही हैं।
हार्ट अटैक नहीं, कोई अन्जाना जानलेवा वायरस है यह?
इधर, गांवों के आम लोगों के बीच इन दिनों यह चर्चा या अफवाह भी खूब उड़ी हुई है कि बड़ी तादाद में अचानक हो रही इन बेवक्त मौतों की वजह हार्ट अटैक ही है, या फिर कोई जानलेवा अन्जाना वायरस इन मौतों के लिए जिम्मेदार तो नहीं है? शेरगढ़, बरेली के गांव निर्भुआ की महिलाएं द्रोपा, पुष्पा, नत्थो देवी और फतेहगंज पश्चिमी के गांव खिरका की वंदना कटियार इस बाबत पूछने पर डॉक्टरों को भी हैरान-परेशान करके रख देने वाला यही सवाल पूछ बैठती हैं।हालांकि डाक्टर आम लोगों की अन्जाने वायरस की इन आशंकाओं को सख्ती से खारिज कर रहे हैं।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
अनियंत्रित श्वसन क्रिया और खराब कोलास्ट्राल ही है हार्ट अटैक से बढ़ती मौतों की खास वजह
“हृदयाघात हार्ट अटैक से बढ़ती मौतों की मुख्य वजह है मानव की आक्सीजन आपूर्ति और मांग में बढ़ता अंतर। व्यायाम के दौरान श्वसन क्रिया में आक्सीजन की सप्लाई और डिमांड का असंतुलित अक्सर काफी ज्यादा बढ़ जाता है और यही हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार होता है। खासकर वर्कआउट करते वक्त श्वसन क्रिया को नियंत्रित रखना हार्ट अटैक के खतरे से बचने के लिए बहुत जरूरी है। व्यायाम के दौरान भी श्वसन क्रिया में आक्सीजन की आपूर्ति और मांग के बीच जितना अधिक संतुलन रहेगा, हृदयाघात की आशंका भी उसी अनुपात में कम होती जाएगी। दूसरे,मानव शरीर में मौजूद दोनों खराब कोलेस्ट्रॉल या LIPID (LDL और VLDL) भी हार्ट अटैक के लिए बराबर के ही जिम्मेदार हैं। ये दोनों खराब LIPID शरीर में जितनी अधिक मात्रा में रहेंगे, हार्ट अटैक का खतरा भी उसी अनुपात में बढ़ता जाएगा। इसके उलट जिस व्यक्ति के शरीर में जितना अधिक अच्छा कोलास्ट्राल (HDL LIPID) रहेगा, हृदयाघात की आशंका भी उतनी ही कम हो जाएगी। आम बोलचाल में इसे ऐसे समझें कि लगातार घंटों कठोर वर्कआउट के बजाय रोजाना कुछ देर हल्का व्यायाम ही आपको हार्ट अटैक के खतरे से बचाकर रख सकता है। दूसरे, Fat या चर्बी बढ़ाने वाले तले खाद्य पदार्थ, पिज्जा-बर्गर जैसे जंक या फास्ट फूड रोजाना खाने से परहेज करें। सांसें फूलने लगें तो एक्सरसाइज फौरन रोक दें।”
ये उपाय जरूर अपनाएं-
1-रक्त धमनियों में Cholesterol, Triglycerides ज्यादा न हो।
2-Lipids…… HDL (good) रहने पर हार्ट अटैक से बचाव,, LDL ( Bad), VLDL (Bad) ज्यादा होने पर हार्ट अटैक का खतरा
3-प्रतिदिन 40 मिनट हल्की एक्सरसाइज जरूर करें। 4- घंटों हार्ड वर्कआउट यानि हार्ट अटैक को न्यौता। 5-मोटापा बढ़ाने वाले तले, फैटी खाद्य पदार्थ खाने से परहेज करें। 6-BP 110-120/60-80 mm of Hg) और ब्लड शुगर नॉर्मल रखें। 7-और आखिर में…सबसे खास सलाह-जब अधिक सांस फूलने लगे तो एक्सरसाइज फौरन बंद कर दें और आराम करें।
-डॉ़. अमित पंवार (M.B.B.S., D.M.R.D.), डिप्टी सीएमओ/, बरेली/N.C.D. Nodal Officer, बरेली
अनियमित जीवन शैली, अनियंत्रित खानपान से ही बढ़ रहा हार्ट अटैक से मौतों का खतरा
“हृद़याघात के खतरे से खुद के जीवन को बचाए रखना चाहते हैं तो कृपया नियमित हल्के व्यायाम वाली तनाव रहित जीवन शैली अपनाएं और आत्म नियंत्रित सादा-पौष्टिक, ताजे-मौसमी फल-सब्जियों को ही नियमित रूप से खाएं। शरीर में खराब कोलास्ट्राल रक्त धमनियों में इकट्ठा होकर हार्ट अटैक का प्रमुख कारण बनता है। भोजन में पिज्जा, बर्गर, समोसा, अधिक तले खाद्य पदार्थों का जितना कम और दूध, अंडा, शहद, ताजे फलों-सब्जियों के जूस का जितना अधिक और नियमित सेवन करेंगे, रक्त धमनियों में उच्च गुणवत्ता वाले कोलास्ट्राल की मात्रा भी उतनी ही अधिक रहेगी और हार्ट अटैक का खतरा भी कम होता जाएगा। शराब, गुटखा-तम्बाकू,सिगरेट, अन्य नशीले ड्रग्स आदि से सख्त परहेज भी निरोगी स्वस्थ जीवन की अनिवार्य शर्त है। कुछ रोगियों को हार्ट अटैक की बीमारी बचपन से ही या आनुवांशिक होती है, ऐसे रोगियों को खास एहतियात बरतने की जरूरत है। मधुमेह (डीयबिटीज), उच्च रक्तचाप रोगियों को तो हार्ट अटैक के खतरे से खुद को बचाने के लिए नियंत्रित खानपान, संतुलित जीवन शैली और हल्के नियमित व्यायाम को अपनाना ही एकमात्र विकल्प है।“–
डॉ. वीरेंद्र प्रताप गंगवार (M.D.-Medicine, P.G.D.S., A.U.T.L.S.)-वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ/संचालक-प्रताप हॉस्पिटल, मिनी बाईपास रोड, बरेली