एफएनएन, थल: थल स्थित त्रिवेणी रामगंगा घाट में जलस्तर कम होते ही गंदगी का अंबार लग चुका है। तीनों घाटों पर जगह-जगह अधजली लकड़ियां बिखरी पड़ी हुई हैं। शवदाह के लिए पहुंच रहे लोग घाटों पर अधजली लकड़ियां छोड़ जा रहे हैं। इससे घाटों पर गंदगी का ढेर बढ़ता जा रहा है।
घाटों पर गंदगी होने के बावजूद प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं जा रहा है। जिस पर स्थानीय लोगों में आक्रोश बना हुआ है। त्रिवेणी रामगंगा घाट में डीडीहाट, मुवानी, बेरीनाग, पांखू, दशौली क्षेत्रों के लगभग 360 से अधिक गांव के लोग शवदाह के लिए आते हैं, लेकिन इन दिनों तीनों घाटों पर अधजली लकड़ियों व कपड़ों का जमावड़ा लग चुका है।
बिखरी पड़ी रहती हैं अधजली लकड़ियां
वर्षाकाल में तो नदी अपने साथ इन अधजली लकड़ियों को बहाकर ले जाती है, लेकिन वर्षाकाल समाप्त होने के बाद जल स्तर कम होते ही यहां अधजली लकड़ियां बिखरी पड़ी रहती हैं।
सुस्त पड़ गई जवानों की तैनाती की व्यवस्था
पूर्व में प्रशासन की ओर से घाटों पर गंदगी करने वालों पर नजर रखने के लिए जवानों की तैनाती की गई थी, लेकिन कुछ समय बाद यह व्यवस्था भी सुस्त पड़ गई। जिस कारण शवदाह के लिए पहुंच रहे लोग बेरोकटोक शवदाह के बाद अधजली लकड़ियों को छोड़ जा रहे है। इससे एक ओर क्षेत्र में गंदगी का अंबार लग चुका है। वहीं, नदी का जल भी प्रदूषित हो रहा है।
लोगों की बात
रामगंगा घाटों पर विभिन्न तीज-त्योहारों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। घाटों पर गंदगी होने से श्रद्धालुओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। घाटों पर स्वच्छता को लेकर प्रशासन को विशेष ध्यान देना चाहिए। – मनोज कार्की, अध्यक्ष,ग्राम प्रधान संगठन, बेरीनाग
प्रशासन के स्तर पर घाटों पर साफ-सफाई को लेकर कोई अभियान नहीं चलाया जाता है। स्थानीय लोगों द्वारा समय-समय पर श्रमदान के जरिये घाटों की साफ-सफाई की जाती है। – रमेश सिंह कार्की
शवदाह को आने वाले लोग घाटों पर गंदगी ज्यादा फैला रहे हैं। घाटों पर अधजली लकड़ियां व कपड़े छोड़ दिए जाते हैं। शवदाह को लेकर साफ-सफाई के लिए कड़े नियम बनाने की जरूरत है। – दीपक भैसोड़ा
रामगंगा नदी के किनारे प्रसिद्ध बालेश्वर मंदिर भी है। रामगंगा नदी का जल मंदिर में चढ़ाया जाता है। घाटों पर गंदगी लगने से नदी प्रदूषित हो रही है। जल स्तर कम होते ही रामगंगा घाट में लगा गंदगी का अंबार लग चुका है। – कमलेश जोशी