एफएनएन, देहरादून : दिल्ली जाने वाली उत्तराखंड परिवहन निगम की बीएस-4 श्रेणी की 400 डीजल बसों को 30 जून-2024 तक राहत मिली गई है। इस अवधि में उत्तराखंड परिवहन निगम की नई 130 बीएस-6 बसें भी आ जाएंगी। वर्तमान में निगम के पास केवल 150 अनुबंधित सीएनजी बसें ही ऐसी हैं, जो बीएस-4 बसों पर प्रतिबंध की स्थिति में दिल्ली में प्रवेश कर सकती हैं।
फिलहाल, आठ माह की राहत मिलने से उत्तराखंड के परिवहन विभाग व परिवहन निगम के अधिकारियों की बड़ी चिंता टल गई है। उत्तराखंड को मिली राहत में एक शर्त यह भी है कि आठ वर्ष से अधिक पुरानी कोई भी बीएस-4 डीजल बस दिल्ली नहीं भेजी जाएगी।
- सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद लिया था निर्णय
दिल्ली में प्रदूषण कम करने को सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश के बाद दिल्ली सरकार की ओर से बीएस-4 श्रेणी की डीजल बसों के प्रवेश पर एक नवंबर से जो रोक लगाई गई थी, उसमें संशोधन कर दिया गया है। पहले चरण में यह आदेश केवल उत्तर प्रदेश, राजस्थान व हरियाणा के एनसीआर क्षेत्र में पंजीकृत बीएस-4 डीजल बसों पर लागू किया गया है। अगले चरण में एक जुलाई-2024 से यह प्रतिबंध सभी क्षेत्रों की बीएस-4 डीजल बसों पर लागू करने की बात कही जा रही है।
- बीएस-4 श्रेणी की हैं बसे
उत्तराखंड परिवहन निगम के सभी डिपो से रोजाना करीब 400 बसें दिल्ली के लिए संचालित होती हैं। इनमें साधारण, वातानुकूलित डीलक्स और सुपर डीलक्स वोल्वो बसें शामिल हैं। यह सभी बीएस-4 श्रेणी की डीजल चालित बसें हैं। इनमें करीब दो दर्जन बसें दिल्ली होकर गुरुग्राम, फरीदाबाद, जयपुर, खाटू श्याम जी आदि के लिए संचालित होती हैं।
- पर्यटन सीजन की टली चिंता
अगर बसों पर प्रतिबंध लगता तो सबसे बड़ी चिंता त्योहारी सीजन को लेकर थी। दिल्ली मार्ग परिवहन निगम के लिए सर्वाधिक आय वाला है। आठ माह की जो राहत मिली है, उसमें दीपावली व अगले वर्ष होली का त्योहारी सीजन समेत गर्मियों में शुरू होने वाले पर्यटन सीजन की चिंता टल गई है। उत्तराखंड परिवहन निगम के महाप्रबंधक दीपक जैन ने दावा किया कि राहत में शर्त है कि आठ साल से अधिक पुरानी कोई भी बस दिल्ली नहीं भेजी जाएगी। वर्तमान में दिल्ली के लिए संचालित सभी बसें आठ साल से कम पुरानी हैं।