
एफएनएन, चंपावत : टनकपुर के छीनीगोठ में राम सिंह ऐरी और गंगा देवी के घर में मंगलवार को महामंगल हो गया। उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे उनके बेटे पुष्कर सिंह ऐरी ने मौत को मात देकर नई जिंदगी प्राप्त कर ली। पशोपेश के बीच देरी से ही सही पुष्कर सिंह अन्य मजदूरों के साथ टनल से सकुशल बाहर निकल आया।
शाम 7:50 बजे जैसे ही टनल से पहला मजदूर बाहर निकाला पुष्कर के घर में भी खुशियां छा गई। इससे पहले 7:20 बजे पुष्कर के बड़े भाई विक्रम ऐरी ने घर में फोन किया। बताया कि मजदूर बाहर निकलना शुरू हो गए हैं। जिसके बाद पुष्कर के माता, पिता तथा भाभी की खुशी का ठिकाना न रहा। सिर्फ आधे घंटे में 20 मजदूर बाहर निकल चुके थे।
हादसे के बाद से ही सदमे में था परिवार
लेकिन बेटे पुष्कर का नंबर कौन सा था, यह बात मायने नहीं रखती थी। महत्वपूर्ण यह था कि बेटा नई जिंदगी में प्रवेश कर चुका है। पिथौरागढ़ जिले के कनालीछीना से चार दशक पूर्व छीनीगोठ में आकर बसे पुष्कर के पिता राम सिंह ऐरी व माता गंगा देवी बेटे के सुरंग में फंसने की खबर मिलने के बाद से ही सदमे मे थे। उन्हें 13 नवंबर को अपने बेटे के सुरंग में फंसा होने की जानकारी मिली थी। 15 नवंबर को पुष्कर के बड़े भाई विक्रम सिंह ऐरी सिल्क्यारा पहुंच गए थे। तब से वे लगातार अपने भाई के सकुशल निकलने की राह देख रहे थे।
उम्मीदों को लगे पंख
मंगलवार की दोपहर बाद जैसे ही पुष्कर के स्वजनों को खबर मिली कि शाम चार बजे तक सभी मजदूर बाहर निकाल लिए जाएंगे तब से उनकी उम्मीदों को पंख लग गए। माता पिता सहित परिवार के सभी सदस्य पुष्कर के जल्द से जल्द टनल से बाहर निकलने की प्रार्थना कर रहे थे।
12 नवंबर से कर रहे थे बेटे का इंतजार
उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में 12 नवंबर से फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए मंगलवार की दोपहर में जैसे ही उल्टी गिनती शुरू हुई वैसे ही अन्य मजदूरों के स्वजनों की तरह चंपावत जनपद के टनकपुर निवासी पुष्कर सिंह ऐरी के माता पिता के चेहरे खिल गए। पुष्कर के माता, पिता को स्थानीय लोग रेस्क्यू के अंतिम क्षणों की पल-पल की खबर देते रहे।
खबर सुनकर चेहरे पर आई मुस्कुराहट
अपरान्ह साढ़े तीन बजे सिलक्यारा पहुंचे उनके बड़े बेटे विक्रम सिंह ऐरी ने अपनी पत्नी ममता को फोन मिलाकर माता पिता को बताया कि अगले कुछ घंटों में सभी लोग सकुशल टनल से बाहर निकल जाएंगे। जिसके बाद माता पिता दोनों अत्यंत भावुक हो गए। उनके चेहरे पर काफी दिनों बाद मुस्कुराहट भी तैर गई। भाभी ममता भी खुश नजर आई। उन्होंने ईश्वर को धन्यवाद देते हुए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की भी प्रशंसा की। महज दो दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छीनीगोठ में पुष्कर ऐरी के घर जाकर उसके माता पिता को आश्वस्त किया था कि उनके बेटे सहित सभी मजदूर जल्दी ही टनल से सुरक्षित बाहर निकल आएंगे।
हमारे लिए आज है दीवाली
पुष्कर सिंह ऐरी के माता पिता ने बताया कि दीपावली के दिन उनका बेटा सुरंग में फंस गया था। उस दिन बेटे के सुरंग में फंसे होने की जानकारी नहीं थी। 13 नवंबर को उन्हें इस बात की जानकारी हुई। उनका बेटा मौत को हराकर सुरंग से निकला है। आज उनके लिए सबसे बड़ी दीपावली है। बताया कि आज रात उनके त्योहार (त्यार) का दिन है।
बेटे के सकुशल घर पहुंचने के बाद करेंगे इष्ट देवता की पूजा
सिलक्यारा टनल में फंसे पुष्कर सिंह ऐरी के माता पिता मंगलवार को बेटे की सुरक्षित वापसी का इंतजार करते रहे। पिता राम सिंह ऐरी व माता गंगा देवी ने बताया कि उनका बेटा सुरक्षित घर पहुंचेगा तो वे अपने ईष्ट देवता नौल देवता की पूजा करने अपने गांव कनालीछीना के सिनखोला जाएंगे। उन्होंने बताया कि बेटे के सुरंग में फंसे 17 दिन हो गए हैं। जब से उसके सुंरग में फंसने की जानकारी मिली है उनका खाना पीना हराम हो गया है। मंगलवार की शाम उनकी उम्मीद भी पूरी हो गई।
पुष्कर सुरंग से बाहर निकल आया। पिता राम सिंह ने बताया कि पुष्कर के घर पहुंचने के बाद घर में भी पूजा अर्चना करेंगे। उन्होंने बताया कि वह छीनीगोठ में तीन बीघा जमीन पर खेतीबाड़ी का काम करते हैं। जब से बेटे पुष्कर की सुरंग में फंसने की जानकारी मिली तब से परिवार को कोई भी सदस्य खेतों में काम करने नहीं गया। अब वह सुंरग से निकल गया है तो उनके अरमान पूरे हो गए हैं। वह पहले की भांति जीवन यापन करेंगे।
भाभी ने बांटी मिठाई
अपने देवर पुष्कर के टनल से सकुशल बाहर निकलते ही भाभी ममता ने आस-पड़ोस में मिठाई बांटी। लोग भी इस खुशी में शरीक हुए और माता पिता को बधाई देते हुए शुभकामनाएं दीं। शाम में ही पूरा परिवार पास के मंदिर में पहुंचा और पूजा अर्चना की। पुष्कर के बुधवार को घर पहुंचने की संभावना है। इस मौके पर आस-पास के लोगों ने आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया।

