
एफएनएन, नैनीताल: उत्तराखंड के नैनीताल जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर चुनाव के दिन पंचायत सदस्यों के कथित किडनैपिंग केस में पुलिस आरोपियों को चिन्हित कर गैंगस्टर एक्ट तहत कार्रवाई करने का मन बना चुकी है. नैनीताल एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने खुद ये जानकारी दी है.
नैनीताल एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दौरान कुछ लोग आए थे, जिन्होंने नैनीताल शहर की शांति व्यवस्था भंग की थी. साथ ही सरकारी कार्य में बांधा भी डाली थी. उस घटना के कुछ वीडियो भी वायरल हुए हैं. वायरल वीडियो में कुछ लोग उत्पात मचाते हुए दिख रहे हैं. ऐसे लोगों को पुलिस पहले चिन्हित कर रही है. इसके साथ ही जो लोग अभी तक चिन्हित हुए हैं. साथ ही ये लोग किन-किन व्यक्तियों से जुड़े हुए हैं, इसका डाटा भी निकाला जा रहा है.
कुछ लोगों का क्रिमिनल रिकॉर्ड निकाला है. ऐसे लोगों पर गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जा रही है, ताकि भविष्य में ये एक्शन एक उदाहरण के तौर पर पेश हो सके. यदि कोई भी व्यक्ति नैनीताल शहर की शांति व्यवस्था भंग करने या फिर यहां पर उत्पात मचाने का प्रयास करेगा तो उसके साथ पुलिस सख्ती से डील करेगी. आरोपियों की पहचान के लिए विशेष टीमें लगाई गई हैं और वीडियो फुटेज खंगाले जा रहे हैं. – प्रह्लाद नारायण मीणा, एसएसपी, नैनीताल
इन पुलिस अधिकारियों पर हुई कार्रवाई: इसके अलावा आधा दर्जन से अधिक पुलिस अधिकारियों और कर्मियों पर गाज गिरी है. चुनाव की पूर्व रात्रि में लापरवाही बरतने पर एएसआई उदय सिंह राणा को निलंबित कर दिया गया है. वहीं सीओ प्रमोद साह का आईआरबी देहरादून और तल्लीताल एसओ रमेश सिंह बोहरा का अल्मोड़ा तबादला कर दिया गया है. इसके अलावा बवाल के दौरान मूकदर्शक बने कांस्टेबल अमित चौहान को भी निलंबित कर दिया गया है. जिला पंचायत रोड पर ड्यूटी दे रहे एक कांस्टेबल, एक महिला कांस्टेबल और एक अग्निशमन कर्मी को लाइन हाजिर किया गया है, जबकि मौके पर तैनात पीएसी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्यालय को पत्राचार किया गया है. एसएसपी ने बताया कि तल्लीताल थाने में अब तक छह मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं.
जानिए पूरा मामला: 14 अगस्त 2025 को नैनीताल शहर में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुए थे. चुनाव के बीच ही शहर में जमकर बवाल हुआ. मतदान केंद्र के पास ही पांच जिला पंचायत सदस्य गायब हो गए थे, जिस वजह से पांच सदस्य वोट नहीं डाल पाए थे. कांग्रेस और बीजेपी ने एक-दूसरे पर पांचों जिला पंचायत सदस्यों को किडनैप करने का आरोप लगाया था. इस मामले में दोनों ही पक्षों की तरफ से पुलिस को तहरीर भी दी गई थी. पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर पर कई मुकदमे दर्ज किए थे. वहीं उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भी इस मामले का संज्ञान लिया था.
हालांकि इस पूरे घटनाक्रम में उस समय नया मोड़ आ गया था, जब गायब हुए पांचों जिला पंचायत सदस्यों का वीडियो सामने आया और उन्होंने किडनैपिंग की बात को नकार दिया था. लापता पांचों जिला पंचायत सदस्यों ने कहा था कि वो अपने ही लोगों के साथ गए थे, उनकी किसी ने किडनैपिंग नहीं की थी. बता दें कि नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट बीजेपी के पास गई है, तो वहीं उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस उम्मीदवार जीती थीं.

