
प्रेरणा कथा
पिछले दस साल से पश्चिमी बैगुल नदी के खमरिया घाट पर सामूहिक श्रमदान से बनवाते आ रहे कच्चा बांध
खमरिया घाट पर पक्का बांध बनवाने और ईको टूरिज्म स्पॉट के रूप में विकसित करवाने के लिए भी हैं निरंतर प्रयासरत
अब छेड़ी ‘कारसेवा’ से माधोपुर बांध और रुकुमपुर माइनर निर्माण की बहुत बड़ी मुहिम, सिंचाई विभाग से भी मिली हरी झंडी
गणेश ‘पथिक’
सीनियर रिपोर्टर
फ्रंट न्यूज नेटवर्क, बरेली ब्यूरो। जिद, जज्बा और जुनून का ग़ज़ब का बेमिसाल कांबो देखना हो तो जीवन के 85 साल पार कर चुके भारतीय वायुसेना के रिटायर्ड पायलट और मीरगंज से दो बार विधायक रह चुके चिर युवा, जांबाज, किसान नेता, रुहेलखंड क्षेत्र के ‘जलपुरुष’ के रूप में चर्चित जयदीप सिंह बरार के वर्षोंबरस से अनवरत चल रहे संघर्ष और बड़ी उपलब्धियों पर जरा एक नज़र डालकर तो देखिए। युवाओं के प्रेरणास्रोत और सच्ची-खरी सियासत का अतुल्य प्रकाश स्तंभ हैं आप!

सही मायनों में जन नेता श्री बरार बेशक ऐसी अज़ीम शख्सिसत हैं जो दर्जनों गांवों के सैकड़ों किसानों को एकजुट कर पिछले आठ-दस साल से शीशगढ़ के पास बैगुल नदी के खमरिया घाट पर हर साल सामूहिक श्रम दान, कारसेवा और निजी तथा चंदे की रकम से कच्चा बांध बनवाते रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, खमरिया घाट पर पक्का बांध बनवाने और वहां ईको टूरिज्म स्पॉट विकसित करवाने के लिए भी शासन स्तर पर लगातार गंभीर कोशिशें करते रहे हैं। अब उन्होंने फतेहगंज पश्चिमी के रुकुमपुर गांव के पास शंखा नदी पर श्रमदान से कच्चा बांध और रुकुमपुर माइनर बनवाने की एक और बहुत बड़ी, पवित्र मुहिम छेड़ दी है।

इसी सिलसिले में आज पांच अगस्त मंगलवार को किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष पूर्व विधायक श्री बरार, प्रबंधक वेद प्रकाश कश्यप और रुकुमपुर प्रधान तथा कई अन्य संभ्रांत ग्रामीणों को लेकर बरेली में सिंचाई विभाग शारदा खंड के मुख्य अभियंता हृदय नारायण सिंह से मिले और रुकुमपुर के पास शंखा नदी पर किसानों के व्यापक हित में जन सहयोग से कच्चा बांध बनवाने की पेशकश की। मुख्य अभियंता श्री सिंह ने शंखा नदी पर कच्चे बांध और रुकुमपुर माइनर के निर्माण के श्री बरार के संकल्प से सिद्धांतत: सहमति जताते हुए विभाग की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है।

बकौल श्री बरार, मुख्य अभियंता श्री सिंह ने शिष्ट मंडल को आश्वस्त किया कि प्रदेश शासन की जल संचयन योजना के तहत श्री बरार और क्षेत्रवासियों के सहयोग से आकार लेने वाले इस प्रोजेक्ट को विभाग की ओर से यथासंभव सहायता प्रदान कराई जाएगी। शिष्ट मंडल ने चीफ इंजीनियर को बताया कि शंखा नदी पर कच्चा बांध और रुकुमपुर माइनर के निर्माण से रुकुमपुर, माधोपुर, रसूला, गौंटिया, परसाखेड़ा, गौंतारा समेत दर्जनों गांवों की हजारों हैक्टेयर कृषि भूमि को न सिर्फ बारहों महीने सिंचाई की सुविधा मिलेगी, बल्कि सिंचाई विभाग की निष्प्रयोज्य खाली भूमि पर वृक्षारोपण भी कराया जा सकेगा। इस पूरी कवायद से क्षेत्र के भूजल स्तर को ऊपर लाने और कृषि विकास में तो मदद मिलेगी ही, पर्यावरण को भी समृद्ध-संरक्षित किया जा सकेगा। शिष्टमंडल में शामिल रहे रुकुमपुर प्रधान कमरुद्दीन और गांव तथा क्षेत्र के किसान नबी मोहम्मद, बाबू, रवि बाबू, होरीलाल आदि ने भी अपने और आसपास गांवों के सैकड़ों किसानों को इस मुहिम से जोड़ने और श्रमदान और अर्थ दान में सहयोग का बीड़ा उठाया है।

सिंचाई विभाग के साथ परसाखेड़ा बरेली का प्रतिष्ठित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) भी बहुत जल्द रुकुमपुर के पास शंखा नदी साइट पर स्टूडेंट्स-टीचर्स की एजूकेशनल विजिट कराएगा और स्कूल प्रबंधन व्यापक जनहित के इस कार्य में हाथ भी बंटाएगा। डीपीएस प्रिंसिपल वीके मिश्रा ने श्री बरार और सहयोगियों से भेंट के दौरान यह आश्वासन दिया है।

श्री बरार और सिंचाई विभाग के सहयोग से शंखा नदी पर कच्चा बांध बनने और दशकों बाद रुकुमपुर माइनर के पुनर्जीवित होने की उम्मीद से फतेहगंज पश्चिमी विकास क्षेत्र के सभी गांवों के बाशिंदों और किसानों में हर्ष और उत्साह की लहर है और सब इस पुनीत अभियान में श्रमदान, अर्थ दान का सहयोग देने का संकल्प भी ले रहे हैं।