Sunday, June 22, 2025
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भारत का पहला यूसीसी बिल उत्तराखंड विधानसभा में पास, अब आगे क्या होगा जानें 10 बातों के साथ

एफएनएन, देहरादून :  आजादी के बाद देश का पहला समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड 2024 विधानसभा में पास हो गया। दो दिन लंबी चर्चा, बहस और तर्कों के बाद बुधवार की शाम सदन में विधेयक ध्वनिमत से पास हुआ। विपक्ष ने चर्चा के दौरान बिल प्रवर समिति को भेजने की सिफारिश की थी। उसका यह प्रस्ताव भी ध्वनिमत से खारिज हो गया।

इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस बिल से समाज का भेदभाव, कुरीतियां खत्म होंगी। कहा, इस कानून में संशोधन की भी गुंजाइश होगी। पास होने के बाद अब बिल राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा जाएगा, जहां से मुहर लगने के बाद यह कानून राज्य में लागू हो जाएगा। सभी विधिक प्रक्रिया और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनेगा।

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देश के पहले गांव माणा में संवाद से की थी ड्राफ्ट समिति ने शुरुआत 

विधेयक में सभी धर्म-समुदायों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक कानून का प्रावधान है। महिला-पुरुषों को समान अधिकारों की सिफारिश की गई है। अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है।

विधेयक पर चर्चा के दौरान नेता सदन मुख्यमंत्री धामी ने कहा, देश के पहले गांव माणा में संवाद से ड्राफ्ट समिति ने इसकी शुरुआत की थी। उन्होंने अब अन्य राज्यों को भी इस दिशा में प्रयास करने का आह्वान करते हुए कहा, जिस प्रकार गंगा सबके लिए सुखदायी है, वैसे ही यूसीसी भी मातृशक्ति व पूरे समाज के लिए सुखद होगा।

India first UCC bill passed in Uttarakhand Assembly Dhami Government Uniform Civil Code
12 फरवरी को संकल्प लिया, सात फरवरी को विधेयक पास
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, विधानसभा चुनाव के दौरान 12 फरवरी 2022 को उन्होंने जनता के सामने दोबारा सत्ता में आने पर समान नागरिक संहिता कानून लाने का संकल्प लिया था। आज करीब दो साल बाद सात फरवरी को यह संकल्प सिद्ध हो गया है। जनता ने जिस मकसद से उन्हें चुना, वह समानता का अधिकार सबको मिलने जा रहा है। कहा, इसे वोट बैंक की राजनीति से जोड़कर न देखें।
यूसीसी रामयुग की बड़ी पहल
मुख्यमंत्री ने सदन में कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस रामयुग की शुरुआत हुई है, यूसीसी उसमें एक बड़ी पहल साबित होगा। यह देश के लिए मील का पत्थर बनेगा। कहा, प्रधानमंत्री राष्ट्रऋषि नरेंद्र मोदी विकसित भारत का सपना देख रहे हैं। भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है। उनके नेतृत्व में यह देश तीन तलाक और अनुच्छेद-370 जैसी ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने के पथ पर है। समान नागरिक संहिता का विधेयक प्रधानमंत्री के देश को विकसित, संगठित, समरस और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए किए जा रहे यज्ञ में उत्तराखंड की ओर से अर्पित की गई एक आहुति मात्र है। इस विधेयक में जाति, धर्म, क्षेत्र व लिंग के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है।
विस से पास होने के बाद अब आगे क्या
विधानसभा से यूसीसी बिल पास होने के बाद अब यह राजभवन को भेजा जाएगा। चूंकि यह संविधान की समवर्ती सूची का विषय है, इसलिए बिल अनुमोदन के लिए राज्यपाल से राष्ट्रपति को भेज दिया जाएगा। इस पर राष्ट्रपति भवन को फैसला लेना है। वहां से मुहर लगने के बाद राज्य में कानून लागू हो जाएगा।

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विपक्ष ने की थी प्रवर समिति को भेजने की मांग

सदन में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में विपक्ष ने इस बिल को जल्दबाजी में उठाया गया कदम करार दिया था। विपक्ष में इसमें कई खामियां गिनाते हुए सदन में इसे प्रवर समिति को भेजने की मांग की थी। हालांकि, विपक्ष की ये मांग खारिज हो गई।

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