Thursday, April 24, 2025
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ज्ञानवापी परिसर हिंदू पक्ष को सौंपने और पूजा-पाठ की मांग पर सुनवाई आज

एफएनएन,ज्ञानवापी: परिसर हिंदुओं को सौंपने व पूजा-पाठ की मांग के साथ ही इसमें मुस्लिम पक्ष के प्रवेश पर रोक की मांग को लेकर दायर वाद पर बुधवार को सुनवाई होगी। सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में मंगलवार को दाखिल वाद पर 25 मई की तिथि नियत की गई है।भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान के लिए दाखिल यह मुकदमा विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन की पत्नी किरण सिंह की ओर से दाखिल किया गया है। विश्व वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री किरण सिंह गोंडा जिले की बीरपुर बिसेन की निवासी हैं।

  • मुकदमे के माध्यम से तीन मांग

ज्ञानवापी परिसर हिंदू पक्ष को सौंपने और वादी गण को ज्ञानवापी में तत्काल प्रभाव से पूजा-पाठ, राग भोग दर्शन की मांग की गई है। अदालत में अधिवक्ता मानबहादुर सिंह व अनुष्का त्रिपाठी की तरफ से कहा गया शिवलिंग पाए जाने के दावे के बाद दर्शन पूजन, राग भोग पूजा का अधिकार आवश्यक है।विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने बताया कि अदालत ने हमारा वाद स्वीकार कर लिया है।  हमारे वाद पर विपक्षियों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य मुकदमे के माध्यम से तीन मांग की गई है। पहली मांग यह है कि ज्ञानवापी परिसर में तत्काल प्रभाव से मुस्लिम पक्ष का प्रवेश प्रतिबंधित हो। दूसरी, ज्ञानवापी का संपूर्ण परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए। तीसरी, भगवान आदि विश्वेश्वर स्वयंभू ज्योतिर्लिंग जो अब सबके सामने प्रकट हो चुके हैं, उनकी पूजा पाठ शुरू करने की अनुमति दी जाए।

  • श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मुकदमा सुनने योग्य है या नहीं, सुनवाई कल
श्रृंगार गौरी के नियमित पूजा-पाठ और अन्य विग्रहों के संरक्षण की मांग पर चल रहा मुकदमा सुनने योग्य है या नहीं, इस पर न्यायालय कल आदेश देगा। मंगलवार को सुनवाई के बाद आदेश के लिए जिला जज की अदालत ने 26 मई की तिथि नियत की है। जिला जज अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत ने कमीशन की सर्वे रिपोर्ट पर एक सप्ताह में आपत्ति देने को कहा है।

इसके लिए दोनों पक्षों को रिपोर्ट के साथ फोटो व वीडियोग्राफी की कॉपी भी दी जाएगी। इसके अलावा बाकी तीन आवेदनों पर न्यायालय में सुनवाई नहीं हुई। दरअसल, मुस्लिम पक्ष की ओर से कमीशन की कार्यवाही से पहले जनवरी 2022 में दी प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का हवाला देते हुए इस वाद को खारिज करने का आवेदन दिया गया था।

इस आवेदन पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सुनवाई नहीं हो पाई थी। जिला जज की अदालत में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से रूल 7 आर्डर 11 के तहत दिए गए आवेदन पर गुरुवार को सुनवाई होगी। इसमें वाद पर सवाल करते हुए मुस्लिम पक्ष ने आठ बिंदुओं के जरिए वाद खारिज करने की मांग की है।

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