Saturday, November 9, 2024
spot_img
spot_img
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तराखंडआरटीआई एक्टिविस्ट सुरक्षा मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई, कोर्ट ने गुंडा एक्ट...

आरटीआई एक्टिविस्ट सुरक्षा मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई, कोर्ट ने गुंडा एक्ट लगाने पर सरकार से मांग जवाब

एफएनएन, नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट चोरगलिया हल्द्वानी निवासी भुवन चन्द्र पोखरिया की सुरक्षा दिलाये जाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने अगली सुनवाई 19 जुलाई शुक्रवार की तिथि नियत की है. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि इनके ऊपर गुंडा एक्ट कैसे लगाया इस पर जवाब पेश करें.

मामले के अनुसार याचिका में कहा है कि वर्ष 2020 में राज्य सरकार ने स्टोन क्रशर, खनन भंडारण सहित एनजीटी व उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की. जिसका घोर विरोध पोखरिया के द्वारा किया गया. लेकिन सरकार ने अपने कार्यों को छुपाने के लिए उनके खिलाफ चोरगलिया पुलिस ने उसी थाने में आईपीसी की धारा 107, 116 की कार्रवाई की. फिर उसी रिपोर्ट को आधार बनाकर उनका लाइसेंसी शस्त्र निरस्त कर मालखाने में जमा करा दिया. बिना उसका दुरुपयोग किए. अपने को दोषमुक्त दिखाने के लिए न्यायालय की शरण ली और उन्हें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल ने दोषमुक्त कर दिया था. फिर पुलिस द्वारा दोषमुक्त अपराधों को आईपीसी की धारा 16 व 17 में उन्हें दोषी दिखाकर गुंडा एक्ट की कार्रवाई करते हुए जिला बदर की कार्रवाई कर दी. लेकिन न्यायालय ने इस मामले में भी उन्हें 2022 में दोषमुक्त कर दिया और कुमाऊं आयुक्त के न्यायालय से उनका जंग लगा सत्र बहाल हुआ.

WhatsApp Image 2023-12-18 at 2.13.14 PM

लेकिन जिलाधिकारी ने लाइसेंस का नवीनीकरण करने की अनुमति नहीं दी. 15 जनवरी 20204 व 18 जनवरी 2024 को उनके द्वारा डीजीपी महोदय को शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में कहा कि पुलिस द्वारा बगैर अपराध के गुंडा एक्ट लगाना, बिना उनके द्वारा लाइसेंसी शस्त्र का दुरप्रयोग किए उसका लाइसेंस निरस्त करने, बार-बार पुलिस द्वारा उनकी सामाजिक छवि को खराब करने के लिए थाने में बुलाकर प्रताड़ित,शोषण करने का आरोप लगाकर ऐसे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. साथ में यह भी कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर उन्हें धमकी मिल रही है. राज्य सूचना आयोग ने उनके इस प्रकरण पर सुनवाई करते हुए एसएसपी नैनीताल को निर्देश दिए कि उनको सुरक्षा दी जाए, साथ में जांच रिपोर्ट करें.

एएसपी हल्द्वानी द्वारा गलत जांच रिपोर्ट बनाकर रिपोर्ट पेश की. आयोग ने एएसपी की कार्यशैली की घोर निंदा की. कहा कि बिना जांच करें उन वादों की रिपोर्ट पेश कर दी जिनमें वे दोषमुक्त हो चुके हैं. इसलिए इसमे शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए. लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. न ही उनको सुरक्षा दी गयी. इसको आधार बनाकर उनके द्वारा उच्च न्यायालय में सुरक्षा दिलाए जाने की गुहार लगाई है. याचिका में राज्य सरकार, डीजीपी, डीआईजी कुमाऊं, एसएसपी नैनीताल और एसएसपी उधम सिंह नगर को पक्षकार बनाया है.

पढ़ें- उत्तराखंड में होगी झमाझम बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments