एफएनएन, लखनऊ : हाथरस में 19 साल की दलित युवती से कथित बलात्कार और मौत मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई हुई। पीड़ित परिवार सोमवार सुबह ही कड़ी सुरक्षा के बीच लखनऊ पहुंचा। दो जजों की बेंच के सामने पीड़िता के परिवार ने अपना पक्ष रखा। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भी कई अधिकारी अदालत में मौजूद रहे। हाईकोर्ट में आज की सुनवाई खत्म हो गई है। हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी जताई है। इस मामले की सुनवाई 2 नवंबर को होगी। पीड़िता के परिजनों ने कोर्ट में भी कहा कि अंतिम संस्कार उनकी मर्जी के बगैर हुआ। परिजनों ने आगे जांच में फंसाए जाने की आशंका जताई और साथ ही सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई। अगली सुनवाई के दिन पीड़िता के परिजनों के आरोप पर बहस होगी। अदालत की ओर से इस मामले का स्वतरू संज्ञान लिया गया था, जिसमें परिवार और सरकार का पक्ष पूछा गया था। दूसरी तरफ, इस मसले को लेकर परशुराम सेना ने भी सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।
परिवार के 5 लोगों ने कोर्ट में गवाही दी
परिवार के 5 सदस्यों ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा। इससे पहले पीड़ित परिवार सुबह 5 बजे हाथरस से निकला। पीड़ित के माता-पिता, दो भाई और एक भाभी लखनऊ पहुंचीं। सभी को हाईकोर्ट के पास स्थित उत्तराखंड भवन में ठहराया गया। एसडीएम अंजलि गंगवार और सीओ शैलेंद्र बाजपेयी ने सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाल रखी है। दो गाड़ियों में पीड़ित परिवार था, जबकि छह गाड़ियां उनके एस्कॉर्ट के लिए थीं। इससे पहले उन्होंने रविवार रात लखनऊ जाने से मना कर दिया था। पीड़ित के भाई ने कहा कि रात में हमारे साथ कुछ भी हो सकता है। हमें प्रशासन पर भरोसा नहीं है। उधर, केस दर्ज करने के बाद सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने हाथरस पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। जांच महिला डिप्टी एसपी सीमा पाहुजा कर रही हैं। सीबीआई ने रविवार को ही पुलिस से एफआईआर व दस्तावेज लिए हैं।