एफएनएन, हरिद्वार : श्री देवोत्थान सेवा समिति, पुण्यदायी अभियान सेवा समिति और सोलानी नदी श्मशान घाट समिति, रुड़की के सहयोग से 5945 निराश्रित आत्माओं को मोक्ष की प्राप्ति हो गयी। देश के विभिन्न राज्यों में स्थित श्मशान घाटों से एकत्रित लावारिस अस्थियों को वैदिक मंत्रोच्चार एवं पूर्ण विधि विधान के साथ कनखल सती घाट पर मां गंगा में विसर्जित किया गया।
श्री देवोत्थान सेवा समिति नई दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल नरेंद्र ने बताया कि समिति की ओर से बीते 22 वर्षों में एक लाख 61 हजार 161 अस्थियों को गंगा में विसर्जित किया जा चुका है। भविष्य में भी जब तक श्मशान घाटों में लावारिस अस्थियां मिलती रहेंगी यह यात्रा जारी रहेगी।
- कनखल सती घाट पर संपन्न हुई अस्थि विसर्जन यात्रा
संस्था के महामंत्री और यात्रा संयोजक विजय शर्मा ने बताया कि बीती शनिवार को धर्माचार्यों, संत-महात्माओं, राजनेताओं और प्रबुद्ध समाजसेवियों की ओर से पुष्पांजलि के बाद करीब 250 श्रद्धालुओं का काफिला दिल्ली से हरिद्वार रवाना हुआ था। बीती रविवार को निष्काम सेवा ट्रस्ट हरिद्वार से बैंड-बाजे के साथ चलकर अस्थि विसर्जन यात्रा कनखल सती घाट पर संपन्न हुई। दोपहर करीब एक बजे बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में सभी हुतात्माओं को मां गंगा के आंचल में मोक्ष दिलवाया गया।
विजय शर्मा ने बताया कि यात्रा में इस बार सहयोगी संस्थाओं के रूप में बड़ी पंचायत वैश्य अग्रवाल समिति, सोनाली नदी श्मशान घाट समिति रुड़की, हरिद्वार की प्रसिद्ध पुण्यदायी अभियान सेवा समिति, भीमगोड़ा खड़खड़ी व्यापार मंडल समेत अन्य धार्मिक और सामाजिक संगठनों का सहयोग भी प्राप्त किया गया।
- सौ किलो दूध के साथ अस्थियों को किया गया विसर्जित
अस्थि कलश विसर्जन यात्रा सम्मान समारोह में पूर्व विधायक लक्सर संजय गुप्ता, भावना पांडेय, डा. विशाल गर्ग, एसके सैनी, अमित सैनी, विश्वास सक्सेना, मिनी पुरी, मनीषा सूरी आदि मौजूद रहे। सतीघाट पर पंडित जितेंद्र शास्त्री और पंडित नितिन माणा के माध्यम से 100 किलो दूध की धारा के साथ सभी अस्थि कलशों का विसर्जन किया गया।