Sunday, October 19, 2025
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तर प्रदेशकताई मिलों की देनदारी निपटाएगी सरकार, यूपीसीडा इन जमीनों पर बनवाएगा इंडस्ट्रियल...

कताई मिलों की देनदारी निपटाएगी सरकार, यूपीसीडा इन जमीनों पर बनवाएगा इंडस्ट्रियल एस्टेट्स

बरेली में उद्यमियों-निर्यातकों-किसानों के संवाद कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्य सचिव का बड़ा ऐलान

एफएनएन ब्यूरो, बरेली। प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा है कि सरकार बंद पड़ी 20 कताई मिलों की देनदारी निपटाएगी। पिकअप संस्था, बैंकर्स और अन्य विभागों का बकाया अदा करने के संबंध में वार्ता की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बकाया अदा करने के बाद इन मिलों की खाली पड़ी जमीन यूपीसीडा को दी जाएगी। अलग-अलग जिलों में स्थित इन जमीनों पर यूपीसीडा इंडस्ट्रियल एस्टेट विकसित करेगी। इसके साथ ही उद्यमियों को नए उद्योग लगाने के लिए भी जमीन आवंटित की जाएगी।

बरेली में उद्यमियों, निर्यातकों, किसानों के बीच बोलते मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह

मुख्य सचिव श्री सिंह प्रदेश सरकार के ‘कनेक्ट 2024 अभियान’ के तहत शनिवार को बरेली के राजकीय इंटर कॉलेज सभागार में ‘संवाद और समाधान’ कार्यक्रम में बरेली-मुरादाबाद मंडल के उद्यमियों, निर्यातकों और किसानों से रूबरू थे। उन्होंने साफ किया कि एक्सप्रेसवे पर प्रत्येक इंटरचेंज के किनारे 200-300 हेक्टेयर जमीन इंडस्ट्रियल स्टेट के लिए आरक्षित होगी। यूपीडा इंडस्ट्रियल पार्क बनाएगा।

बरेली में उद्यमियों, निर्यातकों, किसानों के बीच बोलते मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह

मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार ने कई एक्सप्रेसवे बनाकर इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बड़ा काम किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ यूपी को एक ट्रिलियन डॉलर (लगभग 85 लाख करोड़ रुपये) की अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं। एक्सप्रेसवे में जहां-जहां पर इंटरचेंज हैं, वहां-वहां पर सरकार 200-300 हेक्टेयर जमीन लेगी। अभी तक पांच हजार हेक्टेयर जमीन ली जा चुकी है। कुछ ही दिन में इसका विज्ञापन आने वाला है। उद्योगों के लिए इस भूमि का आवंटन होगा। भूमि अधिग्रहण की लागत और उस पर कराए गए विकास कार्य का शुल्क लेकर भूमि का आवंटन उद्यमियों को किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में उद्योगों के लिए जमीन महंगी है, क्योंकि अधिकतर जमीन उपजाऊ है। साथ ही कताई मिलों की जमीन यूपीसीडा को देने का प्रस्ताव भी कैबिनेट में पास हो चुका है। लंबे समय से बेकार  पड़ी इस जमीन पर अब इंडस्ट्रियल एरिया विकसित हो सकेंगे। भूमि कम दाम में उद्योगों को दिलाने की भी कोशिश है। 100 करोड़ रुपये से ऊपर एफडीआई वाली इंडस्ट्री की जमीन खरीदने के लिए 75 प्रतिशत अनुदान भी मिलेगा।

मिट्टी खनन पर अब नहीं शासकीय पाबंदी

मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में मिट्टी खनन के लिए किसी परमिट या लाइसेंस की जरूरत नहीं है और किसी भी सरकारी विभाग को इस बाबत वैधानिक कार्रवाई करने या अर्थ दंड (जुर्माना) वसूलने देखने का हक नहीं है। अब अपनी जेसीबी से खुदाई कर सकते हैं। पहले मिट्टी खुदाई सिर्फ हाथों से ही कर सकते थे, जेसीबी से नहीं, लेकिन अब जेसीबी से मिट्टी खनन पर रोक हटा दी गई है। उत्तर प्रदेश इकलौता प्रदेश है, जहां मिट्टी खनन से रॉयल्टी वसूली खत्म कर दी गई है। अभी पखवाड़े भर पहले ही पर्यावरण और खनन विभाग के प्रावधानों को भी शामिल कराते हुए इस बाबत नया शासनादेश भी जारी किया गया है। इसके बाद भी अवैध वसूली के मामलों में उच्चाधिकारियों से शिकायत की जा सकती है।

बरेली में उद्यमियों, निर्यातकों, किसानों के बीच बोलते मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह

ग्रामीण क्षेत्र में सोलर फूड प्रोसेसिंग यूनिट पर भी भारी अनुदान

मुख्य सचिव श्री सिंह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में 70 किलोवाट की सोलर फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री यूनिट लगाने पर कुल लागत का 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में दिया जाएगा। अगर इंडस्ट्री की मुखिया महिला है तो लागत का 90 प्रतिशत अनुदान मिलेगा।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments