एफएनएन, लखनऊ: यूपी के सोनभद्र के म्योरपुर ब्लॉक मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर दूर जोगिंद्रा और धुर्वा की पहाड़ी में दबा स्वर्ण भंडार जल्द बाहर निकलेगा। जीएसआई के तत्कालीन निदेशक अनिल कुमार सिंह की रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने हरियाणा की गोल्ड माइंस को खुदाई का ठेका दे दिया है। खुदाई कार्य शुरू होने पर दुद्धी तहसील में धुर्वा गांव के आदिवासी विस्थापित होंगे।
कानपुर जीएसआई के भूगर्भशास्त्रित्त्यों ने मध्य प्रदेश में गुड़हर पर्वत शृंखला से जुड़े जोगिंद्रा और धुर्वा गांव में वर्ष 2008 से 2014 के बीच करीब छह साल शोध किया था। रिसर्च के दौरान जोगिंद्रा और धुर्वा गांव की पहाड़ियों के नीचे दबे सोने के भंडार का पता लगाया। जीएसआई के तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशक अनिल कुमार सिंह ने भी निरीक्षण किया था। इसके बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार के पास भेजी थी।
इसमें उन्होंने जोगिंद्रा और धुर्वा की पहाड़ियों के अलावा आसपास के इलाकों में स्वर्ण भंडार होने की संभावना जताई थी। उनकी रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने स्वर्ण भंडार को बाहर निकालने के लिए यूपी और मध्यप्रदेश सरकार को खुदाई कराने की हरी झंडी दी। उसने खुदाई करने का टेंडर हरियाणा की कुंदन गोल्ड माइंस को दिया है। सीमांकन और कागजी औपचारिकता के बाद सोने के भंडार को बाहर निकालने के लिए खोदाई का काम शुरू हो जाएगा।
क्या बोले खनन अधिकारी
सिंगराली के खनन अधिकारी एके राय ने हका कि आदिवासियों के पुनर्वास की बात सामने नहीं आई है। विस्थापित होने पर नियम के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा। हरियाणा की कंपनी ने दोनों राज्यों में खनन का टेंडर लिया। प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों राज्यों में काम शुरू होगा।