एफएनएन, रुद्रपुर : राजद्रोह गतिविधियों के आरोप से घिरे प्रशांत सांगलिकर चार लोगों को जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया। आपको बता दें कि 20 दिसंबर 2007 को नानकमत्ता थाने में एलआईयू स्पेक्टर बीएल मधबाल ने मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें खीम सिंह बोरा, देवेंद्र चम्याल, गोपाल भट्ट और प्रशांत सांगलिकर को नामजद किया गया था। इसके अलावा चंद्रकला तिवारी और दिनेश पांडे प्रकाश में आए थे। इन सभी पर भारत सरकार विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप था।
22 दिसंबर को प्रशांत राही को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था । 2008 से इस मामले में ट्रायल चला 17 /3/ 2008 को आरोप पत्र दाखिल किया गया । इस बीच 18 गवाह पेश किए गए, जिसमें साक्ष्यों के अभाव में जिला एवं सत्र न्यायालय ने चारों आरोपियों प्रशांत, चंद्रकला तिवारी, गोपाल भट्ट और दिनेश पांडे को बरी कर दिया। जबकि देवेंद्र चम्याल और खीम सिंह बोरा के खिलाफ जांच जारी है। फैसले के दौरान न्यायालय में काफी गहमा-गहमी रही।