एफएनएन, देहरादून: चार दिवसीय दीपोत्सव शनिवार से धनतेरस के साथ शुरू हो रहा है। 23 को नरक चतुदर्शी, 24 को दीपावली मनाई जाएगी। 25 को सूर्यग्रहण के चलते सूतककाल रहेगा तो इस दिन कोई भी पर्व नहीं मनाया जाएगा। इसके बाद 26 को भाई दूज व गोवर्धन पूजा एक ही दिन रहेगा।
- सभी योग में पूजा करना शुभ
ज्योतिषाचार्य आचार्य डा. सुशांत राज के अनुसार, कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि शनिवार शाम छह बजकर दो मिनट से रविवार शाम छह बजकर तीन मिनट तक रहेगा। दीपोत्सव में अपराहन व सांयकालीन पूजा का विशेष महत्व होता है। ऐसे में धनतेरस शनिवार को ही मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन घर, वाहन, संपत्ति, सोना, चांदी, बर्तन, कपड़े, धनिया, झाडू खरीदने का महत्व है। इन दिन त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इन सभी योग में पूजा व खरीदारी करना शुभ माना गया है।
- खग्रास सूर्य ग्रहण 25 को
आचार्य बिजेंद्र प्रसाद ममगाईं के अनुसार, 23 को नरक चतुदर्शी यानी छोटी दीपावली जबकि 24 को दीपावली पर महालक्ष्मी का पूजन होगा। दीपावली के अगले दिन मनाया जाने वाला भैया दूज व गोवर्धन पूजा इस बार ग्रहण के चलते एक दिन आगे जाएगा। खग्रास सूर्य ग्रहण 25 को है, इसमें शाम चार बजकर 22 मिनट से छह बजकर 10 मिनट तक ग्रहण का समय रहेगा। ग्रहण का सूतक सुबह चार बजकर 22 मिनट से ग्रहण समाप्ति तक रहेगा। ऐसे में 25 को कोई भी शुभ कार्य नहीं होंगे। 26 को अपराहन व्यापिनी द्वितीय होने के कारण भैया दूज व गोवर्धन पूजा मनाया जाएगा। वाणी भूषण पंचांग के अनुसार, अपराहन व्यापिनी द्वितीय तिथि में इसे मनाने का नियम है। द्वितीय तिथि 26 को दोपहर दो बजकर 40 मिनट से 27 को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगी।