Tuesday, April 1, 2025
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संसद में अपनी ही सरकार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घेरा, कहा – उत्तराखंड में अवैध खनन से त्राहिमाम- त्राहिमाम

एफएनएन, रुद्रपुर : अपने ही मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ आज संसद में हरिद्वार सांसद और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने हरिद्वार, उधम सिंह नगर, नैनीताल और देहरादून में अवैध खनन को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा, रात के अंधेरे में खनन माफिया नदियों का सीना चीर रहे हैं। उन्होंने इसे कानून और पर्यावरण के लिए भी खतरा बताया। कहा कि आम जनता की सुरक्षा के लिए भी यह मुफीद नहीं है। हालांकि उन्होंने राज्य सरकार और प्रशासन के लिए यह भी कहा कि इसे रोकने के लिए स्पष्ट आदेश हैं लेकिन अवैध खनन रुक नहीं पा रहा।

अब भला त्रिवेंद्र सिंह रावत को कौन बताए कि आप अपने ही मुख्यमंत्री और डबल इंजन की सरकार को घेरने का काम कर रहे हैं। सवाल यह भी है कि रात के समय ट्रकों में ओवरलोडिंग होती है, तो इसे रोकने का काम किसका है ? अब अगर इन वाहनों से पुल, सड़कों और बुनियादी ढांचे को क्षति हो रही है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है ? सवाल यह भी है कि अगर आम नागरिकों के लिए आवागमन कठिन हो गया है तो इसे सुचारु कौन कराएगा ? इसके साथ ही ट्रकों के लापरवाह चालकों के कारण हो रही दुर्घटनाओं को रोकने का काम कौन करेगा ? त्रिवेंद्र सिंह रावत यह भी कह रहे हैं की दुर्घटना में कई लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग घायल भी हुए हैं

तो सांसद महोदय आपकी सरकार और आपको लोगों ने क्या मरने के लिए चुना था ? और हां अगर चालक नदियों में अवैध खनन कर रहे हैं तो आपकी सरकार क्यों नहीं प्रभावी कार्रवाई कर रही ? आपकी मानें तो प्रशासन मिला हुआ , फिर ऐसे अधिकारी क्यों नहीं सस्पेंड किए जाते ? अब आप खुद ही अपनी सरकार से मांग कर रहे हैं कि भाई इसे रोको। सवाल यह भी है कि आपकी डबल और ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने का फिर क्या फायदा जब आप अपनी ही सरकार और मुख्यमंत्री के सामने बात न रखकर भरे सदन में अपनी सरकार का चीर हरण कर रहे हैं।

और हां, आपके द्वारा अवैध खनन रोकने को विशेष टास्क फोर्स के गठन की मांग की जा रही है, यानी आपने यह मान लिया है कि उत्तराखंड सरकार के नेता और उसके अधिकारी इसे रोकने में सक्षम नहीं है और जानबूझकर जनता का अहित चाहते हैं।

सदन में आप मुख्य मार्ग पर ऐसे वाहनों को रोकने के लिए चेक पोस्ट की मांग कर रहे हैं। अब भला हो पूर्व में बनी चेक पोस्टों का, जहां अवैध वसूली का खेल दिन- रात देखा जा सकता है। बात यह भी है कि वाहन मालिकों और खनन माफियाओं पर कार्रवाई से पहले क्यों न सरकार के जिम्मेदार नेता और अफसरो पर कार्रवाई हो ? जिम्मेदारी तो आपकी भी है और सरकार की भी, फिर वाहन चालक और माफिया ही क्यों ? हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद की बात को खनन निदेशक बृजेश संत ने सिरे से खारिज कर दिया है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में खनन से सरकार का राजस्व लगातार बढ़ रहा है और अवैध खनन नहीं हो रहा है। जो लक्ष्य सरकार के द्वारा खनन विभाग के लिए निर्धारित किया गया है, उसे पूरा करने का काम विभाग द्वारा किया गया है।

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