एफएनएन, चमोली: बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के निर्माण कार्यों पर सवाल खड़े होने लगे हैं. रावण पर्वत क्षेत्र में नदी किनारे लगभग 20 फीट तक नदी की चौड़ाई कम होने खबर से जिला प्रशासन की नींद उड़ गई है. लेकिन इस पूरे मामले पर डीएम हिमांशु खुराना ने मास्टर प्लान के तहत हो रहे निर्माण कार्यों को लेकर अधिकारियों को किसी भी प्रकार की लापरवाही ना बरतने के निर्देश दिए हैं.
मास्टर प्लान के तहत चल रहे रिवर फ्रंट के कार्यों में की जा रही लापरवाही से तीर्थ पुरोहितों में नाराजगी है. उनका कहना है कि कार्यदायी संस्था ब्रह्मकपाल से तप्तकुंड के बीच नदी की ओर काम करा रही है, जिससे नदी की चौड़ाई कम हो गई है. ऐसे में बरसात में तप्तकुंड और ब्रह्मकपाल क्षेत्र में नदी का पानी भर जाने की आशंका बनी हुई है. वहीं मामले में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता विपुल सैनी ने बताया कि बदरीनाथ में तप्तकुंड और ब्रह्मकपाल कोई खतरा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि ओवर डैम नदी में बनाया गया है, वह अस्थायी बनाया गया था, जिसे आज शाम तक हटा दिया जाएगा. जिसके बाद नदी की चौड़ाई अपने आप ठीक हो जाएगी. बताया कि मजदूरों और सामान के लिए अस्थायी ओवर डैम बनाया गया था.
इन दिनों बदरीनाथ में अलकनंदा किनारे मास्टर प्लान के तहत निर्माण कार्य चल रहे हैं. यहां नारायण पर्वत क्षेत्र में नदी किनारे लगभग 20 फीट तक नदी की चौड़ाई कम कर दी गई है. इससे बदरीनाथ मंदिर की तलहटी में स्थित ब्रह्मकपाल से लेकर तप्तकुंड क्षेत्र में बरसात के दौरान पानी भरने का खतरा उत्पन्न हो गया है. इसको लेकर तीर्थ पुरोहितों ने नाराजगी जताई है. ब्रह्मकपाल के तीर्थ पुरोहित आनंद सती और हरीश सती ने बताया कि कार्यदायी संस्था द्वारा बिना जांच परख के नदी किनारे काम किया जा रहा है. यहां भारी मात्रा में मलबा जमा है, जो बरसात में नदी को बदरीनाथ की ओर डायवर्ट कर सकता है.