Friday, November 22, 2024
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डीआरडीओ पिथौरागढ़ के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. हेमंत को ‘साइंटिस्ट आफ द ईयर’ पुरस्कार

  • रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ मुख्यालय नई दिल्ली में समारोह में किया सम्मानित
  • हिमालय की दुर्लभ जड़ी-बूटियों से सफेद दाग की कारगर आयुर्वेदिक दवा ल्यूकोस्किन कर चुके हैं ईजाद

फएनएन, पिथौरागढ़: हिमालय पर पाई जाने वाली दुर्लभ जड़ी-बूटियों से सफेद दाग की दवा ईजाद करने वाले डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. हेमंंत कुमार पाांडेय को ‘साइंटिस्ट ऑफ द ईयर अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ के उत्तराखंड के पिथौरागढ़ स्थित रक्षा जैव ऊर्जा अनुसंधान संस्थान (डीआईबीईआर) में वरिष्ठ विज्ञानी के पद पर कार्यरत डॉ पांडेय को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया। डॉ. पांडेय पिछले 25 साल से हिमालय क्षेत्र में उपलब्ध जड़ी-बूटियों पर शोध कर रहे हैं।

डा. पांडेय को डीआरडीओ मुख्यालय नई दिल्ली में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने प्रशस्ति पत्र और दो लाख रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की। डा. पांडेय को यह सम्मान उनके हिमालयी औषधीय पौधों पर पिछले 25 वर्षों से किए जा रहे शोध कार्यों और छह हर्बल उत्पादों के आविष्कार के लिए दिया गया। डॉ. पांडेय ने ल्यूकोडर्मा और एक्जिमा की हर्बल दवाओं के साथ ही दांत दर्द निवारक औषधि, एंटी अल्ट्रावायलट रेडिएशन क्रीम, हर्बल हेल्थ सप्लीमेंट और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले हर्बल उत्पादों का आविष्कार किया है। उन्होंने तीन औषधीय उत्पादों की तकनीक का हस्तांतरण प्रतिष्ठित हर्बल कंपनियों को किया। डॉ. पांडेय ने आठ पेटेंट भी फाइल किए हैं।

डॉ. पांडेय के एक उत्पाद ल्यूकोडर्मा रोधी ल्यूकोस्किन नामक औषधि से डीआरडीओ को 2.30 करोड़ से अधिक की रॉयल्टी मिल चुकी है। अन्य औषधीय उत्पादों के विभिन्न कंपनियों से किए गए हस्तांतरण से भी 50 लाख रुपये से अधिक की राशि डीआरडीओ को मिल चुकी है। डॉ. पांडेय ने ल्यूकोस्किन उत्पाद का उन्नत संस्करण भी तैयार किया है। वैज्ञानिक डॉ. पांडेय विभिन्न असाध्य रोगों की दवाएं तैयार करने के लिए शोध कर रहे हैं।

 

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