एफएनएन, देहरादून : मानसिक स्वास्थ्य नियमावली के तहत पंजीकरण न कराने वाले नशा मुक्ति केंद्रों और संस्थानों का संचालन बंद किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने पंजीकरण के लिए दिसंबर माह तक समय दिया है। अभी तक 25 नशा मुक्ति केंद्रों ने पंजीकरण के लिए आवेदन किया है। जिसके बाद विशेषज्ञों की टीम केंद्र का निरीक्षण कर एक साल के लिए अस्थायी पंजीकरण किया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने जुलाई 2023 में मानसिक स्वास्थ्य नीति की नियमावली लागू की थी, जिसमें नशा मुक्ति केंद्रों का पंजीकरण अनिवार्य किया गया। साथ ही संचालन के लिए मानक तय किए गए। वर्तमान में नशा मुक्ति केंद्र बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे हैं। प्रदेश सरकार ने पंजीकरण के लिए तीन माह का समय दिया था।
दिसंबर में इसकी समयावधि पूरी हो रही है। पंजीकरण के लिए आवेदन करने वाले नशा मुक्ति केंद्रों का निरीक्षण कर एक साल को अस्थायी पंजीकरण किया जाएगा। पहले एक वर्ष के लिए पंजीकरण शुल्क दो हजार रुपये है। इसके बाद स्थायी पंजीकरण के लिए 20 हजार रुपये शुल्क लिया जाएगा।
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