Friday, January 10, 2025
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeदुनियाकनाडा अब भारत समर्थक? खालिस्तानी विरोधी चंद्र आर्य ने ठोंकी पीएम पद...

कनाडा अब भारत समर्थक? खालिस्तानी विरोधी चंद्र आर्य ने ठोंकी पीएम पद पर दावेदारी

फ्रंट न्यूज विदेश डेस्क-ओटावा-कनाडा: कनाडा में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में वहां की अगली सरकार से सिर उठाते भारत विरोधी कट्टरपंथी खालिस्तानियों की विरोधी और भारत की धुर समर्थक हो सकती है। विस्फोटक होते राजनीतिक असंतोष को थामने के लिए विवादों में घिरे जस्टिन ट्रूडो के पीएम पद से इस्तीफे के बाद अब भारत सनर्थक भारतवंशी कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने प्रधानमंत्री पद पर अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी है।

अपनी ताजा सोशल मीडिया पोस्ट में आर्य ने लिखा, “मैं कनाडा का अगला प्रधानमंत्री बनने के लिए चुनाव में खड़ा हो रहा हूं, ताकि एक छोटी और अधिक कुशल सरकार का नेतृत्व कर सकूं और अपने देश के पुनर्निर्माण के साथ ही भावी पीढ़ियों की समृद्धि भी सुनिश्चित कर सकूं।”

कर्नाटक के तुमकुर जिले के सिरा तालुक के द्वारलू गांव के मूल निवासी चंद्र आर्य वर्ष 2006 में कनाडा में ही बस गए थे। उन्होंने धारवाड़ के कौसली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से एमबीए किया है। 2015 में उन्होंने पहली बार कनाडा का संघीय चुनाव जीता और 2019 में दुबारा भी सांसद चुने गए। वर्ष 2022 में उन्होंने कनाडा की संसद में कन्नड़ भाषा में दिए अपने भाषण से भी खूब सुर्खियां बटोरी थीं। चंद्र आर्य़ कनाडा में सिर उठा रहे भारत विरोधी खालिस्तानी तत्वों की अक्सर खुलकर आलोचना करते रहे हैं।

हाल ही में अपने एक बयान में चंद्र आर्य ने कनाडा के कुछ नेताओं पर हिंदुओं और सिखों को जानबूझकर एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। उन्होंने जोर देकर कहा था कि कनाडाई मूल के हिंदू और सिख एक तरफ हैं और भारत विरोधी कट्टरपंथी खालिस्तानी दूसरी तरफ। आर्य की यह टिप्पणी ब्रैम्पटन के एक मंदिर में हिंदुओं पर हमले की घटना के कुछ दिन बाद सामने आई थी।

आर्य ने अपने भाषण में कहा था कि कनाडा के कई नेता ब्रैम्पटन की घटना को कनाडाई मूल के हिंदुओं और सिखों के बीच धार्मिक संघर्ष का रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ स्वार्थी नेताओं के गहरी साजिश के तहत किए गए कृत्यों और देश में खालिस्तानियों के अनुचित रूप से बढ़ते राजनीतिक प्रभाव के कारण कनाडा के आम लोग अब खालिस्तानियों और सिखों को एक जैसा ही समझने लगे हैं जो देश की एकजुटता और सांप्रदायिक सौहार्द्र के लिए बेहद घातक है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments