उन्होंने कहा कि अगर आम नागरिकों के साथ भाजपा सरकार के मंत्री इस तरह के कारनामें करते रहेंगे तो इन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।

शर्मा ने कहा कि पूर्व में विधानसभा बैकडोर भर्ती घोटालों में भी इनका हाथ था और इस पर भी कोई कार्यवाही नही हुई थी।

कांग्रेस कमेटी ने राज्यपाल से मंत्री अग्रवाल को पद से बर्खास्त करने और उक्त घटना की निष्पक्ष न्यायिक जांच के आदेश दिये जाने की मांग की।

पूर्व प्रदेश सचिव विमला रावत व कमलेश शर्मा ने कहा कि पुलिस ने सुरेंद्र सिंह नेगी की ओर से मंत्री, पीआरओ व गनर के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज की गई।

वहीं शिकायत में नाम होने के बावजूद एफआईआर में मंत्री अग्रवाल का नाम का शामिल नहीं किया गया,जबकि वीडियो में वह स्पष्ट रूप से पीड़ित को अपने साथियों के साथ मारपीट करते नजर आ रहे हैं। यह सरासर गलत है।