एफएनएन, हल्द्वानी : पूरा कुमाऊं चाहता है कि उन्हें 160 की रफ्तार से दौड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन मिले। लोगों की इसी अपेक्षाओं के अनुरूप सरकार ने काठगोदाम से ट्रेन चलाने के लिए सर्वे कराया, मगर काठगोदाम में टूटी शंटिंग लाइन ने वंदे भारत एक्सप्रेस का रास्ता रोक दिया है।
इंतजार बढ़ा तो ट्रेन शिफ्ट हो सकती है। गढ़वाल मंडल में देहरादून से वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन शुरू हो चुका है। कुमाऊं मंडल में काठगोदाम से भी यह ट्रेन चलनी थी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार देहरादून व काठगोदाम में ट्रेनें एक साथ चलनी थी और दोनों ट्रेनों का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को करना था। इसके लिए रेलवे की टीम काठगोदाम में सर्वे के लिए पहुंची तो शंटिंग लाइन टूटी मिली।
- वंदे भारत ट्रेन की खासियत
यह देश की पहली हाईस्पीड ट्रेन है, जिसकी अधिकतम स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह ट्रेन पूरी तरह भारत में डिजाइन और मैन्युफैक्चर की गई है, जिसमें 80 प्रतिशत उत्पादों को स्वदेशी बनाया गया था। ये ट्रेन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है।
शंटिंग लाइन टूटने के नुकसान
- मुरादाबाद-काठगोदाम के बीच चलने वाली दो पैसेंजर ट्रेन लालकुआं से चल रही।
- ट्रेनों की शंटिंग में पहले 30 मिनट लगते थे। अब दो घंटे का समय लग रहा है।
- इंजन से एक बार में छह कोच ही जोड़े जा रहे हैं।
- सोमवार, मंगलवार व गुरुवार को काठगोदाम आने वाली देहरादून एक्सप्रेस हल्द्वानी से चल रही।
- वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन नहीं हो सका।
- टूरिज्म को मिलता बढ़ावा
दिल्ली-काठगोदाम के बीच वंदे भारत चलने से कुमाऊं में टूरिज्म को बढ़ावा मिलता। दिल्ली के लोग काठगोदाम पहुंचकर नैनीताल, जिम कार्बेट के साथ ही अल्मोड़ा व अन्य जिलों को जा सकते थे। रेलवे की आय बढ़ती और कम समय में दिल्ली व काठगोदाम का सफर होता।
- नया ईआइ पैनल रूम तैयार
हल्द्वानी रेलवे स्टेशन में नया ईआइ (इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग) पैनल रूम बनकर तैयार हो गया है, जो पूरी तरह से कंप्यूटर से लैस है। अभी तक रेलवे सालों पुराने ढर्रे से चल रहा था, मगर कुछ दिनों बाद इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग से संचालित होगा।
- 15 करोड़ मिलने के बाद भी नहीं बनी शंटिंग लाइन
19 अक्टूबर 2021 में गौला नदी उफान पर आई थी। इस दौरान काठगोदाम में रेलवे की शंटिंग लाइन बह गई थी। लंबे इंतजार के बाद दो महीने पहले शंटिंग लाइन की मरम्मत के लिए 15 करोड़ रुपये जारी हो गए। वन विभाग ने जमीन भी दे दी, मगर अभी तक शंटिंग लाइन नहीं बन सकी।
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन काठगोदाम से चलनी है। शंटिंग लाइन बहने से कई ट्रेनों पर असर पड़ा है। शंटिंग लाइन बनेगी तो इसके बाद ही वंदे भारत एक्सप्रेस चलेगी।