
एफएनएन, हरिद्वार: बर्ड फ्लू का साइड इफेक्ट अब इंसानों के साथ-साथ जानवरों पर भी देखने को मिल रहा है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि जिस तरह से इंसानों ने अपनी डाइट से बर्ड फ्लू शुरू होने के कारण चिकन को हटा दिया है, तो वहीं जानवरों की डाइट से भी अब चिकन को दूर कर दिया गया है. हरिद्वार एनिमल रेस्क्यू सेंटर में कोरोना काल जैसी सख्ती बरती जा रही है.
रेस्क्यू सेंटर के जानवरों की डाइट से चिकन आउट: बर्ड फ्लू फैलने की आशंका का प्रभाव हरिद्वार स्थित वाइल्ड एनिमल रेस्क्यू सेंटर में भी देखने को मिल रहा है. रेस्क्यू सेंटर में रहने वाले गुलदारों को खाने के लिए अब चिकन नहीं दिया जा रहा है. उन्हें अब वैकल्पिक मांस दिया जा रहा है. साथ ही रेस्क्यू सेंटर में आने वाले विजिटर और वहां कार्य करने वाले कर्मचारियों को भी पूरी तरह से बर्ड फ्लू गाइड लाइन का पालन करते हुए पीपीई किट (Personal Protective Equipment) पहनाकर हाईजीन का ध्यान रखते हुए ही बाड़े आदि में प्रवेश दिया जा रहा है.
यह व्यवस्था आगे भी करीब एक माह तक जारी रहने की संभावना है. हालांकि हरिद्वार जनपद में बर्ड फ्लू का कोई केस रिपोर्ट नहीं हुआ है. मगर एहतियातन जिला प्रशासन ने पड़ोसी राज्यों और जनपदों से चिकन और अंडों के परिवहन पर भी रोक लगाई है.
रेस्क्यू सेंटर में गुलदार समेत कई वन्य जीव रहते हैं: वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डॉ अमित ध्यानी का कहना है कि-पिछले हफ्ते जो एडवाइजरी जारी की गई थी, पशुपालन विभाग द्वारा उसमें हमारे पास रिपोर्ट आई थी कि काशीपुर के एक क्षेत्र में बर्ड फ्लू हुआ है. हमारे संस्थान के अंदर कई गुलदार हैं. काफी जंगली जानवर रहते हैं, तो सबसे पहले हमने अपने सेंटर को क्वारंटाइन किया. उसके बाद किसी भी तरह के विजिटर का आना रोका गया. जो हमारा स्टाफ यहां पर आता है, वह प्रॉपर तरीके से हाईजीनिक होकर की अंदर जा रहा है. इसी के साथ डाइट में भी चेंज किया गया है. गुलदारों की डाइट में हम चिकन ही यूज करते रहे हैं. हमने डेढ़ हफ्ते से उनकी डाइट में चिकन बंद किया हुआ है. ताकि किसी भी तरह का कोई इन्फेक्टेड चिकन वहां पर उनको न दिया जा सके. -डॉक्टर अमित ध्यानी, वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी, हरिद्वार एनिमल रेस्क्यू सेंटर-
रेस्क्यू सेंटर रोजाना हो रहा सैनिटाइज: डॉ ध्यानी ने बताया कि इसके साथ ही जो गुलदारों के खाने-पीने का और रहने का स्थान है, उसको प्रॉपर हाइजीनिक तरीके से जो बर्ड फ्लू के प्रोटोकॉल के तहत साफ सफाई की व्यवस्था की है. उनके खाने के बर्तन, उनके रहने की जगह को सैनिटाइज किया गया है. हर प्रोटोकॉल को फॉलो किया जा रहा है. किसी भी तरह का कोई भी बाहर का विजिटर वह अगर हमारा स्टाफ भी है, तो जो पुराने वस्त्र वो घर से पहन कर आता है, उनको चेंज करता है. पीपी किट एक तरह का वस्त्र होता है, उसको पहनकर अंदर जाता है. खाने और सफाई की व्यवस्था उनके द्वारा की जाती है.
जानवरों को दिए जा रहे जरूरी सप्लीमेंट: वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि बर्ड फ्लू बेसिकली चिकन से ही फैलता है. एडवाइजरी जारी होने से पहले हमने अपने गुलदार को जो चिकन देते थे, वह बंद किया. इम्यूनिटी बढ़ाने वाली दवाइयां भी दे चुके हैं. जरूरी सप्लीमेंट भी जानवरों को दिए जा रहे हैं. ताकिन उनके अंदर बीमारी से लड़ने की क्षमता बनी रहे. इसके साथ ही वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डॉ अमित ध्यानी ने बताया कि-हरिद्वार जनपद में बर्ड फ्लू फैलने की कोई सूचना नहीं है. यहां प्रीवेंटिव मेजर लिए जा रहे हैं. जो पोल्ट्री फार्म हैं, उनमें स्कैनिंग की जा रही है. अगर किसी चिकन की डेथ होती है, तो उसके सैंपल को भोपाल भेजा जाता है. भोपाल से अभी तक इस तरह की हरिद्वार की कोई पॉजिटिव रिपोर्ट नहीं आई है. हम लोग सुरक्षा उपाय पूरी तरह से ले रहे हैं. यह सुरक्षा उपाय हम एक महीने तक लेंगे.-डॉक्टर अमित ध्यानी, वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी, हरिद्वार एनिमल रेस्क्यू सेंटर-
हरिद्वार में बाहरी जिलों से चिकन सप्लाई बंद है: आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में बर्ड फ्लू के मामले सामने आते ही हरिद्वार जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है. हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने आदेश जारी कर अन्य जिलों और राज्यों से हरिद्वार में कुक्कुट, पक्षियों, अंडों और कुक्कुट मांस के परिवहन पर तत्काल प्रभाव से एक सप्ताह की पूर्ण रोक लगा दी है, जिसे फिर आगे बढ़ा दिया गया है.

