राज सक्सेना, किच्छा: व्यापार मंडल चुनाव की चल रही हलचल दिन प्रतिदिन रफ्तार पकड़ रही है। ऐसे में व्यापार मंडल अध्यक्ष, महामंत्री, कोषाध्यक्ष पद पर दावेदारों के अतिरिक्त पहला मौका होगा जब व्यापारी भी चुनाव में बढ़ चढ़कर भागीदारी निभा कर अपना पक्ष रखते दिख रहे है।
जहां एक ओर निवर्तमान पदाधिकारी संचालन समिति की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए चुनावा को आगे बढ़ाने की मांग उठा रहे है, वहीं व्यापारी संचालन समिति के साथ दिख रहे है। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि चुनाव संचालन समिति एवं व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष पदाधिकारी सहित प्रदेश अध्यक्ष कार्यकारणी निवर्तमान पदाधिकारियों की मांग के साथ जाते है या फिर नगर के व्यापारियों की मांग का समर्थन कर चुनाव को बदस्तूर जारी रखती है। ऐसे अनेक सवाल समय के गर्भ में है।
विदित हो कि व्यापार मंडल चुनाव की घोषणा के बाद से चुनावी मैदान में उतरे कुछ प्रत्याशियों द्वारा चुनाव संचालन समिति पर आरोप लगाते हुए चुनाव पारदर्शी न कराये जाने का आरोप लगाते हुए चुनाव न कराये जाने की मांग उठाई दी। वहीं दूसरी स्थानीय व्यापारी चुनाव कराए जाने मांग करते दिख रहे है, ऐसे में सवाल उठता है कि क्या संचालन समिति, व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष पदाधिकारी एवं प्रदेश पदाधिकारी निवर्तमान पदाधिकारियों की मांग का समर्थन कर चुनाव स्थगित करते है या फिर व्यापारियों की मांग पर चुनाव सम्पन्न कराते है।
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व्यापार मंडल अध्यक्ष पद पर राजकुमार सहित एक और नाम बिगाड़ सकता है अध्यक्ष पद के दावेदारों का समीकरण
किच्छा: चुनावी प्रक्रिया के आरम्भ होने के साथ ही चर्चा है कि चुनावी मैदान में गुलशन सिंधी, प्रमोद ठुकराल, इम्तियाज मलिक, दानिश इकबाल, अशोक सिडाना, राजीव सक्सेना सहित सम्भावित प्रत्याशी के रूप में विजय कुमार अरोरा मैदान में अध्यक्ष पद के दावेदार हो सकते है। परन्तु चुनाव की सरगर्मियों के बीच नये-नये मोड़ आ रहे है, इसी बीच चर्चा है कि राजकुमार बजाज पुनः व्यापारियों की मांग पर चुनावी मैदान में उतर सकते है।
वहीं दूसरी ओर सम्भावना व्यक्त की जा रही है अध्यक्ष पद पर अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से भी प्रत्याशी को मैदान में उतारा जा सकता है, ऐसे में देखने योग्य विषय होगा कि आखिर चुनाव अपने पूरे शबाब पर आने के बाद कौन-कौन चुनावी मैदान में होगा व नगर का व्यापारी किसके सिर पर ताज पहना व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने का मौका देता है।