एफएनएन, श्रीनगर: चार साल के कठिन प्रशिक्षण के बाद देहरादून के इंदिरा नगर कॉलोनी निवासी राहुल बहुगुणा ओटीए गया से पासिंग आउट परेड के बाद परिवार के पहले सैन्य अधिकारी बन गए हैं. राहुल के पिता सूबेदार अजय बहुगुणा नॉर्थ-ईस्ट में कार्यरत हैं. उनके चाचा संजय बहुगुणा भी असम राइफल्स में कार्यरत हैं. दादा सच्चिदानंद बहुगुणा बीएसएफ में थे. परदादा मगनानंद बहुगुणा भी भारतीय सेना में थे. राहुल के सैन्य अधिकारी बनने पर उनके पूरे परिवार के साथ उनके पैतृक गांव में खुशी का माहौल है.
श्रीनगर के राहुल बने सैन्य अधिकारी
मूल रूप से परिवार पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर क्षेत्र बिलकेदार निवासी राहुल के परिवार के लिए शनिवार का दिन गौरवांवित करने वाला रहा. परेड के दौरान राहुल की मां मीनाक्षी बहुगुणा और परिवार के अन्य रिश्तेदार भी परेड देखने गए थे. इस सैन्य परंपरा को कायम रखना उनकी दादी लक्ष्मी देवी बहुगुणा का शुरू से सपना था. उनके पोते राहुल बहुगुणा ने इस सपने को पूरा कर दिखाया. बिहार के गया में पासिंग आउट परेड में पहुंचे उनके परिजनों ने ही उनके कंधों पर स्टार लगा कर इस पल को और भी यादगार बनाया.
सैन्य परंपरा वाला है पूरा परिवार
राहुल बहुगुणा ने देवभूमि पब्लिक स्कूल नकोट बिलकेदार से दसवीं तक की पढाई की. उसके बाद द एशियन स्कूल देहरादून से बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण की. इसके बाद उन्होंने टीईएस परीक्षा (तकनीकी प्रवेश योजना) पास की और ट्रेनिंग के लिए चले गए. उनके छोटे भाई अक्षत ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे हैं. राहुल का कहना है कि उनके मार्गदर्शक के रूप में चाचा शोभित बहुगुणा और मामा जेपी उपाध्याय का बड़ा योगदान रहा.
क्या है टीईएस
टीईएस भारतीय सेना की योजना है. इसमें सैन्य अधिकारी के रूप में भारतीय सेना में सीधे प्रवेश के लिए आवेदन किया जाता है. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि भारतीय सेना तकनीकी अधिकारी के पदों के लिए इच्छुक उम्मीदवारों का चयन करने के लिए टीईएस परीक्षा साल दो बार आयोजित होती है.